सचिन सक्सेना

फिल्म ‘ जामुन ‘ में काम करने वाले अभिनेता सचिन सक्सेना कहते है की ” यदि आप कोई सपना देखते है तो उसको पूरा करने के लिए लगे रहिए कभी हार मत मानिए,क्योंकि जब सपना टूट जाता है,तो इंसान पूरी तरह से टूट जाता है” आइए पढ़ते है सचिन सक्सेना से बातचीत के संपादित अंश

कौन है? सचिन सक्सेना

सचिन सक्सेना एक अभिनेता है, जो राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले है। इनके पिता का नाम श्री विपिन सक्सेना है तथा इनकी माता का नाम श्रीमती संगीता सक्सेना है। इन्होंने ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई जोधपुर से ही किया। उसके बाद इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई जयपुर से किया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद इन्होंने एक्टिंग की तरफ रुख किया। सचिन सक्सेना ने वेब सीरीज विक्रम भट्ट के सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया था। सचिन सक्सेना ने धारावाहिक कसम, कसौटी ज़िंदगी की,दिल ही तो है,कुमकुम भाग्य, डायन,यह रिश्ता क्या कहलाता है,यह इश्क़ नहीं आसान,मेरी हानिकारक बीवी,लेडीज स्पेशल, परमावतार श्री कृष्ण, विघ्नहर्ता गणेश,कहां हम कहां तुम,तेरी मेरी एक जिंदरी,क़यामत की रात जैसे धारावाहिकों म्स काम किया है। सचिन सक्सेना ने इसके अलावा फिल्म जामुन मेभी काम किया है। इसके अतिरिक्त सचिन ने कई शॉर्ट फिल्म,एड फिल्म और वेब सीरीज में भी काम किया है। यह एक प्रतिष्ठित फिल्म अभिनेता के रूप में अपने आप को देखना चाहते है।

आपने एक्टिंग को क्यों चुना?

मुझे बचपन से ही नई चीजों को ढूंढना अच्छा लगता है। मैं जब एक्टिंग करता हूं तो मुझे आत्मिक संतुष्टि प्राप्त होती है। मैं अन्दर से अपने आप को संतुष्ट महसूस करता हूं। मैं नए – नए कैरेक्टर को करना बहुत अच्छा लगता है। नए – नए कल्चर को जानना बहुत अच्छा लगता है और यह सब चीजे मैं किसी और प्लेटफार्म या फिर कोई और प्रोफेशन को चुनकर नहीं कर सकता था इसीलिए मैं एक्टिंग की दुनिया में आ गया।

आप आगे कहां काम करना चाहते है?

मैं अपने आप को हमेशा से फिल्मी पर्दे पर देखना चाहता हूं। मैंने बहुत सारे टीवी सीरियल में काम किए है लेकिन मेरा मुख्य लक्ष्य सिनेमा में काम करने का है। मैं फिल्मों में काम कर सकू ऐसी योग्यता अपने अंदर लेने की कोशिश सदैव करता रहता हूं। मैंने इन दिनों इरोस नाउ पर रिलीज हुई फिल्म जामुन में काम भी किया है।

आपको एक अभिनेता के तौर पर स्थापित करने में कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ा? 

मुझे एक अभिनेता के तौर पर स्थापित होने में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है,जैसे की जब मैं मुंबई आया था तब मुझे इस फील्ड में बहुत ज्यादा नॉलेज नहीं था कि कहां ऑडिशन होते है? कौन से कास्टिंग डायरेक्टर सही है? कौन फेक है? क्योंकि मुंबई में ऐसे बहुत से कास्टिंग डायरेक्टर फेक होते है, जो पंजीकरण के तौर पर पैसे वसूल करते है और फिर भाग जाते है तो ऐसी समस्याएं रही लेकिन धीरे – धीरे मुझे हर एक चीज के बारे में सही से जानकारी हुई। इन सब चीजों में मेरे सहयोगियों और दोस्तो ने भी बहुत सहायता किया। मैं उनका बहुत शुक्रगुजार हूं।

COVID – 19 का आपके कैरियर पर क्या असर पड़ा?

COVID – 19 महामारी जैसी कोई भी बीमारी दोबारा इस दुनियां में ना आए तो ही हम सबके लिए अच्छा है। इस महामारी का असर पूरे दुनिया पर हुआ। कुछ लोगो ने तो अपने परिवार के लोगों को खो दिया। मेरे कैरियर पर इस महामारी के कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़े जैसे काम बंद हो गया,सब कुछ रुक गया लेकिन इन दिनों मुझे अपने आप को जानने का बहुत अच्छा मौका मिला और इन दिनों मैं घर पर ही रहकर अपनी छिपी हुई कमियों को खोजता था और उन्हें दूर करता था। इस तरह इस महामारी में मेरे लिए कुछ पॉजिटिव इफेक्ट भी पड़े।

आपका रोल मॉडल कौन है?

मेरे रोल मॉडल मेरे माता – पिता है। बचपन से ही उन्होंने मुझे मोटिवेट किया। मैं शुरुआत से ही उनसे सीखता चला आया हूं। बाकी सब आपको केवल सलाह ही दे सकते है करना या ना करना आपके ऊपर है।

आपके परिवार का सपोर्ट कैसा रहा?

मेरे परिवार का बहुत सपोर्ट रहा है। मेरे परिवार ने मुझे कभी एक्टिंग करने के लिए रोका नहीं है। जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था उसी समय मैंने अपने एक्टर बनने की चाह को अपने परिवार के सामने रखा। तब मेरे परिवार ने ना नहीं कहा,उनका बस यही कहना था कि तुम्हे जो करना है करो बस अपनी पढ़ाई पूरी कर लो। इसके अलावा भी मेरे परिवार ने मुझे कहा कि लक्ष्य को हासिल करने में चाहे जितनी भी समस्याएं आए लेकिन कभी टूटना नहीं क्योंकि यदि तुम टूट गए तो सारे सपने टूट जायेंगे। जब कभी मैं अपने भविष्य के लिए चिंतित होता हूं,तब मेरा परिवार ही वहां खड़ा होकर मुझे संभाल लेता है। मेरे छोटे भाई नितिन सक्सेना का भी बहुत बड़ा सहयोग मेरे कैरियर के पीछे रहा है। बाकी जो मेरा सपना था अब वह सपना मेरे पूरे परिवार का हो गया है इसलिए मुझे अब यह सपना पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत है।

आपके मित्रों का कैसा सहयोग रहा?

जब मैं मुंबई आया तो मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य रहा की मुझे बहुत नेक और मददगार दोस्तों का साथ मिला। मुंबई जैसे शहर में कोई भी किसी की मदद नहीं करना चाहता चाहे वह दोस्त ही क्यूं ना हो,लेकिन मुझे बहुत अच्छे मित्रों का सहयोग मिला। उसमे वैभव प्रताप सिंह,विनय कुमार पांचाल है। उसके अतिरिक्त हनी सिंह पहवा,सिद्धांत राव,स्वप्निल,प्रवीण शुक्ला, राजा द्विवेदी और भी बहुत सारे फ्रैंड है,जिनसे मुझे हमेशा से ही मदद मिलती रही।

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