17000 शिक्षक भर्ती : लखनऊ में बीतें 7 दिसम्बर से ही बीटीसी और बीएड प्रशिक्षुओं द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रशिक्षुओं कि नाराजगी की तो दरअसल बात यह है, कि 69000 शिक्षक भर्ती के दौरान सरकार कि तरफ से यह बात स्वीकार किया गया था, कि प्रदेश में 51112 पद रिक्त है। यदि सरकार अपनी बात पर भी रहे तो उसे कम से कम 51112 पदों पर भर्ती की जाए।
इसके अलावा प्रति वर्ष शिक्षक सेवा निवृत्त भी होते हैं और 137000 से बची 23000 पदों को जोड़ दिया जाए तो लगभग 97000 पद होते हैं। फिर सरकार क्यों नही विज्ञप्ति जारी कर रही हैं।
प्रशिक्षुओं ने बीते 28 दिसम्बर को विधानसभा का घेराव भी किया था, लेकिन सरकार पर कोई प्रभाव नहीं है।
प्रदर्शन कर रहे प्रशिक्षुओं ने कहा कि,आज से 3 से 4 महीने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षक और छात्र के अनुपात तथा शिक्षकों के नए पद को लेकर 3 सदस्यी कमेटी गठित किया गया। जिसके रिपोर्ट को उस कमेटी के द्वारा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया।
आख़िर उस कमेटी का क्या हुआ? चुनाव सामने है इसलिए प्रशिक्षु के पास मौका है।
आखिर सरकार रोजगार पे बात क्यों नहीं करती है? इसीलिए युवा शक्ति के पास धरना ही एकमात्र विकल्प रह गया है।
आज लखनऊ में जिस हिसाब से भीड़ दिख रही थी वो लगभग 1 लाख से ऊपर रही होगी ।
लखनऊ में स्टेशन से आते समय हजारो का समूह इको गार्डन में और लाल वत्ती चोराहे पर और रास्ते में होते हुए धरना प्रदर्शन किया।
पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया है उसमें बहुत से प्रशिक्षु घायल हो गए हैं। लाठीचार्ज से सभी प्रशिक्षु नाराज़ भी है। वैसे धरना की सूचना मिलते ही बेसिक शिक्षा मंत्री श्री सतीश द्विवेदी जी प्रशिक्षुओं को मिलने के लिए अपने आवास पर बुलाया है।
रजत सिंह के साथ 8 लोगो को बेसिक शिक्षा मंत्री के बुलाने पर पुलिस उन्हें लखनऊ से इटावा ले गई है।
आज देर रात तक कन्फर्म हो जाएगा कि 97000 भर्ती का विज्ञापन कब आएगा ?