जानिए कब है? अष्टमी,नवमी तथा दशहरा की तिथि, जैसा कि हम सब जानते है,की प्रत्येक वर्ष दो बार माता दुर्गा का पावन पर्व नवरात्रि मनाया जाता है। एक वासंतिक नवरात्र तथा दूसरा शारदीय नवरात्रि,वासंतिक नवरात्र चैत्र माह में मनाया जाता है तो तथा शारदीय नवरात्रि अश्विन मास में मनाया जाता है। 17 अक्टूबर से ही अश्विन माह की नवरात्रि अर्थात शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो चुका है। नवरात्रि का पर्व नौ दिन तक माता दुर्गा के अलग – अलग रूपों को अलग – अलग दिन पूजा जाता है। सभी रूपों की पूजा विधि भी भिन्न होती है,किन्तु एक संदेह प्रत्येक श्रद्धालु के मन में रहता है और वह है,की कौन सी तिथि किस तारीख को और किस सन पड़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिन्दू पंचांग में दिनों की गिनती ईसाई पंचांग से भिन्न होती है,ईसाई पंचांग ने दिन 24 घंटे के निर्धारित होते है,किन्तु हिन्दू पंचांग में दिन कभी छोटे तो कभी बड़े होते है। हिन्दू पंचाग ईसाई पंचांग के साथ कभी मेल नहीं खाता है। हमारे सभी त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार ही पड़ते है और हमारे जीवनशैली में ईसाई पंचांग होता है। इसी कारणवश हम त्योहारों कि वास्तविक तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में ठीक प्रकार से जान नहीं पाते है। इसी लिए इस नवरात्रि में भी बहुत लोगो में में में ढेर सारे संदेह भरे पड़े है,की आखिर नवरात्रि में महाअष्टमी,महानवमी की पूजा कब की जाएगी तथा यह तिथि कब पड़ रही है एवम दशहरा का पर कब मनाया जाएगा। इन सब चीजों को एक – एक करके हम आपको नीचे सब बताएंगे।
कब रखा जाएगा महाअष्टमी तिथि का व्रत?
इस बार नवरात्रि में यह तिथि दिनांक 23 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर दिनांक 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस तरह से महाअष्टमी को पूजा दिनांक 23 अक्टूबर को की जाएगी तथा इसी दिन महाअष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा। महाअष्टमी के दिन माता दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा अर्चना की जाती है।
किस दिन है? महा नवमी
महा नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है और यह तिथि महाअष्टमी तिथि के बाद होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की यह तिथि दिनांक 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट से दिनांक 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। महा नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माता सिद्धिदात्री की पूजा करने से समस्त प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है।
कब मनाया जाएगा दशहरा?
दशहरा यानी विजयादशमी शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि इस बार दिनांक 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट से दिन 26 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार इस बार दशहरा का पर्व दिनांक 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि लोगो को Covid-19 महामारी के कारण इस पर्व को लगभग एक परंपरा बनाए रखने के समान मनाया जाएगा।
सूचना
इस लेख के माध्यम से को भी तिथियों के बारे में जो भी जानकारी दी गई है,यह कई शास्त्रियों एवम वेब पोर्टल के संदर्भ के माध्यम से लेकर ही प्रदान किया गया है। अष्टमी व्रत एवम नवमी और दहशरा तिथि को लेकर अगर आप के भीतर वास्तव में कोई संशय बना हुआ है,तो कृपया आप स्वयं ही स्थानीय शास्त्रीय से संपर्क कर के संतुष्ट होने के बाद हिएश्टमी व्रत रखे। यदि आप भारत प्रहरी पर उपलब्ध जानकारी से संतुष्ट नहीं है,तो इसके लिए भारत प्रहरी किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेता है। महाष्टमी तिथि को लेकर ज्यादा संशय है,इस लिए कई ज्योतिषाचार्यों के मतानुसार यह व्रत दिनांक 24 अक्टूबर को रखा जाएगा तथा कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह व्रत दिनांक 23 अक्टूबर को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग में उदया तिथि को ही व्रत धारण करने की विधान है,इस प्रकार अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को होगी,किन्तु सूर्योदय के पश्चात 23 अक्टूबर को ही दिनभर महागौरी ,माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाएगी। नवरात्रि की महानिशा भी दिनांक 23 अक्टूबर की रात्रि को ही है। आप सब से निवेदन है,की आप संतुष्ट होकर ही इस व्रत को धारण करे। भारत प्रहरी ने सभी जानकारियां स्पष्ट रूप से दिया।