पंचायत चुनाव पर हाई कोर्ट ने लगाया रोक

  • यूपी में पंचायत चुनाव पर लगा रोक
  • अजय कुमार बनाम राज्य सरकार जनहित याचिका थी।
  • हाईकोर्ट ने आरक्षण एवं आवंटन कार्रवाई रोकी।
  • 2015 के आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ
  • हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर फटकार लगाई
  • हाईकोर्ट में यूपी सरकार को झटका लगा

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव पर हाई कोर्ट ने रोक  लगाया,अजय कुमार नाम के व्यक्ति द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर किया गया था। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है,की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी वर्तमान पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रणाली पर सवाल उठाए थे जिस पर हाई कोर्ट ने आरक्षण प्रणाली पर रोक लगा दी है,और सरकार से जवाब भी मांगा है,सरकार कल हाई कोर्ट में जवाब देगी और इस पर सुनवाई 15 मार्च को होगी। बहरहाल आपको बता दे की उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव की अंतिम आरक्षण सूची का प्रकाशन 14 मार्च को होना था,किंतू अब इसका प्रकाशन हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद ही होगा । अजय कुमार द्वारा दाखिल जन हित याचिका में यह कहा गया है,की वर्ष 2015 के आरक्षण प्रणाली लागू करने की मांग की गई है।

क्या कहा गया था? अजय कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका में

उत्तर प्रदेश के आगामी पंचायत सूची के लिए जारी आरक्षण सूची के विरुद्ध अजय कुमार द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका में 11 फरवरी 2021 को जारी उत्तर प्रदेश द्वारा शासनादेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अजय कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया की,पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किये जाने वाले नियमावली के नियम – 4 के तहत ही पंचायत चुनाव के पदों क्रमशः ग्राम पंचायत प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य,जिला पंचायत सदस्य के पदों का आरक्षण लागू किया जाता है। आरक्षण लागू होने के सम्बन्ध में कहा गया है की सन 1995 को आधार मानते हुए,क्रमशः सन 2000,2005 एवं 2010 के चुनाव में आरक्षण लागू किया गया और चुनाव संपन्न कराए गए,किन्तु वर्ष 2015 के चुनाव से पूर्व ही 16 सितम्बर 2015 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश जारी किया गया,और नई आरक्षण प्रणाली लागू की गई। अजय कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया की,सन 2015 को ही मूल वर्ष मानते हुए,आरक्षण व्यवस्र्था अपनाई जाए।

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