प्रतिज्ञा 2: एपिसोड 27 के शुरुआत में प्रतिज्ञा कृष्णा को सभी घरवालों को समझाने को कहती है,लेकिन कोमल प्रतिज्ञा की बातों को काटते हुए,गर्व को बचाने के लिए कानून का रास्ता नहीं पकड़ना चाहती है। प्रतिज्ञा कृष्णा को समझाती है, की हम गर्व को कुछ नही होने देंगे हम पर भरोसा रखो,बस तुम्हे सबूत मिटाने के जुर्म में कुछ दिनों तक जेल में रहना होगा,और सबसे कहती है,की आप सब हम पर भरोसा रखे। सज्जन सिंह प्रतिज्ञा को बताते है,की बात कानून की नही है,बात है बलवंत त्यागी के बदले की भावना का,क्योंकि वह कानून को कुछ नही मानता है।
प्रतिज्ञा कहती है, की बलवंत को आज नही तो कल शायद सबकुछ पता लग जायेगा,लेकिन शायद तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। हम भी तब कुछ नही कर पाएंगे। प्रतिज्ञा की बातों से कृष्णा प्रभावित होता है,और सब कुछ मजिस्ट्रेट को बताने के लिए तैयार हो जाता है,कोमल उसे रोकती है,लेकिन वह प्रतिज्ञा के साथ जाने लगता है। कोमल सज्जन सिंह से गर्व को रोकने को कहती है,और प्रतिज्ञा के नही रुकने पर गोली तक चलाने को कहती है। सज्जन सिंह बंदूक तानते है,लेकिन गोली नहीं चला पाते है,और बंदूक नीचे कर देते है,प्रतिज्ञा और कृष्णा गर्व को लेकर फिर जा चुके होते है।
अगले दृश्य में कृष्णा और प्रतिज्ञा गर्व को लेकर मजिस्ट्रेट के पास पहुंचते है,जहां पर आदर्श भी मौजूद होता है। बलवंत त्यागी के बेटे की मौत एक्सीडेंट से हुई थी,यह बात प्रतिज्ञा मजिस्ट्रेट को बता देती है,मजिस्ट्रेट प्रतिज्ञा के साहस से बहुत प्रसन्न रहते है। मजिस्ट्रेट कहते है,की बस गर्व को कुछ फार्मल्टी करनी होगी। यह केस अब आईने की तरह साफ है,यह कोई मर्डर नहीं बल्कि एक एक्सीडेंट है। सभी मजिस्ट्रेट से विदा लेकर जाने लगते है।
बाहर निकलकर कृष्णा और प्रतिज्ञा गर्व को समझाने लगाते है, की अब डरने की आवश्यकता नहीं है। अब सब कुछ ठीक हो गया है। किसी से भी नहीं डरना है।
अगले दृश्य में सभी घर में होते है,प्रतिज्ञा थोड़ी निराश बैठी होती है,केसर सबको चाय देती है। सभी बच्चे घर में खेल रहे होते है। प्रतिज्ञा अपने कमरे को तरफ जाना चाहती है,और कृष्ण उसे पकड़ लेता है। कृष्णा जेल जाने वाला है,इस बात से प्रतिज्ञा दुखी रहती है,जिसपर कृष्णा उसे दुखी न रहने और उसके इस कठोर फैसले को सही ठहराता है,और जेल से जल्दी वापस आने की सांत्वना प्रकट करता है। प्रतिज्ञा कृष्णा को जल्द से जल्द जेल से रिहा कराने का वादा करती है। तभी वहां पुलिस का सायरन बजता है। घर के सभी लोग चाय पी रहे होते है। पुलिस के आने से एकदम चौंक जाते है।
पुलिस अंदर आने के बाद कृष्णा के बारे में पूछती है,और सबको पुलिस वाले ज्ञात कराते है,की हम कृष्णा सिंह को बलवंत त्यागी के बेटे के केस का सबूत मिटाने के जुर्म में गिरफ्तार करने आए है। कृष्णा आता है,और अपना परिचय देता है,पुलिस वाले कृष्णा को हथकड़ी लगाकर ले जाने लगते है। कृष्णा सभी घरवालों को सांत्वना देता है,और जेल से जल्द आने की बात कहता है।
कृष्णा के जेल जाने के बाद प्रतिज्ञा गर्व को समझाती है,की अब हालात हमारे कंट्रोल में है। तभी कोमल प्रतिज्ञा को थप्पड़ मारती है,और उसे कहने लगती है,की तुमने कृष्णा भाई को जेल भेज कर बहुत बड़ी गलती कर दी है। पति का नही होना कितना बड़ा दुख है? यह तुम नहीं समझ सकती हो। जब सब कुछ बिखर जायेगा,ना तब तुम कुछ भी बटोर नही पाओगी।
अगले दृश्य में पुलिस कृष्णा को जेल में ले जाकर बांध देती है,कृष्णा खुद को बांधने का कारण पूछता है,लेकिन पुलिसवाले कुछ नही बोलते है,फिर कृष्णा देखता है,की सामने बलवंत खड़ा है,और दृश्य यहीं समाप्त हो जाता है।
अगले दृश्य में सुबह होती है,सभी घर में बैठे होते है,ठकुराइन कृष्णा के जेल जाने की खबर को सुनकर घर पहुंचते ही,हंगामा शुरू कर देती है,और प्रतिज्ञा को कोसने लगती है। प्रतिज्ञा कृष्णा के बेल मिलने की खबर सुनाती है,तभी सज्जन सिंह के पास कोई फोन आता है,और खबर मिलती है, की कृष्णा बुरी तरह से घायल है,और उसे आईसीयू में लिटाया गया है। सभी अस्पताल पहुंचते है,जहां कृष्णा की हालत देखकर बिल्कुल घबरा जाते है,केसर बच्चो को बाहर लेकर चली जाती है। थोड़ी देर बाद हार्टबीट का मॉनिटर जीरो शो करने लगता है,और एपिसोड यहीं समाप्त हो जाता है।
अगली कड़ी में – अगली कड़ी में दिखाया गया है,की डॉक्टर कृष्णा के परिवार को जवाब दे देते है,और कृष्णा के मृत्यु की घोषणा कर देते है। सभी लोग कृष्णा के मौत की खबर सुनकर शोकाकुल हो जाते है।