- आज 12 फरवरी से शुरू होगा तीन दिवसीय लोक बोली नाट्य समारोह।
- कार्यक्रम का समापन 14 फरवरी को होगा,सभी प्रस्तुतियां शहीद भवन सभागार में प्रस्तुत की जाएगी।
- रंग त्रिवेणी साहित्यिक एवम सांस्कृतिक समिति भोपाल की सचिव रचना मिश्रा ने साझा की जानकारी
आज 12 फरवरी से शुरू होगा तीन दिवसीय लोक बोली नाट्य समारोह,रंग त्रिवेणी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति, भोपाल प्रत्येक वर्ष की तरह भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ‘‘बोलियों पर केन्द्रित’’ लोक बोली नाट्य समारोह का आयोजन कर रही है। आज 12 फरवरी से शाम 6.30 बजे से 14 फरवरी तक तीन दिवसीय नाट्य समारोह के आयोजन का शुभारंभ होगा। जिनका मंचन भोपाल के शहीद भवन सभागार में किया जाएगा। आपको बता दे इस नाट्य समारोह में प्रत्येक दिन दो प्रस्तुति दी जाएगी। पहले दिन दिनांक 12 फरवरी को पहली प्रस्तुति में नाटक ‘नंदू नचैया’ का मंचन होगा। इस नाटक के निर्देशक संतोष पाण्डेय है यह नाटक बुन्देली भाषा में मंचित किया जाएगा यह प्रस्तुति बुन्देली लोकगीत एवम नाट्य कला परिषद द्वारा दिया जाएगा। इसी दिन दूसरी प्रस्तुति में नाटक “भोलूराम” का भी मंचन किया जाएगा। जिसके लेखक अजय दाहिया है और इसके निर्देशक प्रभाकर दुबे है इस नाटक की प्रस्तुति रंग त्रिवेणी साहित्यिक एवम सांस्कृतिक समिति द्वारा दिया जाएगा यह नाटक बघेली भाषा में मंचित होगा। समारोह के दूसरे दिन यानी 13 फरवरी को पहले प्रमोद चौरसिया द्वारा बुन्देली लोकगीत की प्रस्तुति दी जाएगी, जो भोपाल के मुनिया संस्कृति संस्थान द्वारा प्रस्तुत होगा तथापि उसके बाद नाटक “चालिया हेड साब हीरो बनने” नाटक का मंचन किया जाएगा। यह नाटक मालवी भाषा पर आधारित है इस नाटक के निर्देशक जगरूप सिंह जी है इसकी प्रस्तुति उज्जैन के त्रिनेत्रा सांस्कृतिक संस्थान द्वारा दी जाएगी।समारोह के अंतिम दिन यानी 14 फरवरी को पहले प्रस्तुति में नाटक ” धम धसड” का मंचन किया जाएगा। यह नाटक निमाडी भाषा में मंचित होगा। इस नाटक का निर्देशन विजय सोनी ने किया है यह नट निमाड़ खंडवा संस्थान द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इस दिन दूसरे प्रस्तुति में ” बहेरे के भूत ” नाटक का मंचन होगा। जिसका निर्देशन आनंद मिश्रा ने किया है। यह नाटक बघेली भाषा में आधारित है इस नाटक की प्रस्तुति सघन सोसायटी भोपाल द्वारा दी जाएगी। । समारोह के प्रत्येक दिन COVID – 19 प्रोटोकाल का पूरा पालन किया जाएगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, शरीर का तापमान चेक करना तथापि हाथों को बिना सैनिटाइज किए सभागार में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़ी सभी जानकारियों को रंग त्रिवेणी साहित्यिक एवम सांस्कृतिक समिति की सचिव रचना मिश्रा ने साझा किया।