महाभारत धारावाहिक में संजय का किरदार निभाने वाले अजय मिश्रा कहते है कि ” आप अपने परिवार की सहायता के बिना किसी भी काम में सफलता नहीं पा सकते है, यदी आपको किसी भी काम में सफलता चाहिए तो आपके साथ आपके परिवार का होना आवश्यक है” आइए पढ़ते है उनसे बातचीत के संपादित अंश
कौन है? अजय मिश्रा
अजय मिश्रा एक अभिनेता है। जो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकरन नाथ के रहने वाले है। इनके पिता जी का नाम श्री राधेश्याम मिश्रा है तथा इनकी माता का नाम श्रीमती रमा मिश्रा है। इन्होंने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत थियेटर से कि थी। अजय मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित भारतेन्दु नाट्य अकादेमी से नाट्य में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। इन्होंने सत्यजीत राय फिल्म इंस्टीट्यूट से भी ट्रेनिंग प्राप्त की है। इसके बाद इन्होंने मुंबई की तरफ रुख किया। इन्होंने धारावाहिक महाभारत में संजय का किरदार निभाया था। इसके अतिरिक्त इन्होंने सूर्यपुत्र कर्ण में भी संजय का किरदार निभाया था। इन्होंने धारावाहिक राम सिया के लव – कुश में विभीषण का किरदार निभाया था। अजय ने बिग मैजिक के धारावाहिक बाल कृष्ण में नंद बाबा को भूमिका निभाई थी। वहीं इन्होंने फिल्म ” यहां सभी ज्ञानी है ” में राघव का किरदार निभाया था।
आपने अपने लिए एक्टिंग ही क्यों चुना?
मुझे बचपन से ही अभिनय में रुचि रही है। मुझे शुरुआत से लगा कि मैं अन्य कामों के अपेक्षा एक्टिंग में बेहतर काम कर सकता हूं। मैं यह नहीं कह रहा कि मैं और कोई काम नहीं कर सकता था,लेकिन मैं यह ज़रूर कहूंगा कि मैं एक्टिंग के अलावा किसी और काम को शायद उतनी अधिक उत्सुकता नहीं कर पाता। मैंने एक्टिंग की दुनिया में जाने के लिए पूरी तैयारी की,इसके लिए मैंने ट्रेनिंग भी लिया। मुझे बहुत मेहनत करने के बाद कुछ अच्छे काम मिले।
आपको अब तक आपने काम के प्रति कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा?
मेरे साथ सबसे बड़ी समस्या अपने पहले धारावाहिक महाभारत के समय में थी,जब मुझे पहला काम मिला था। तब मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या थी लंबे डायलॉग याद करना,क्योंकि सीरियल के डायलॉग तुरंत सेट पर मिलते है। मैं इस समस्या को दूर करने के लिए शूटिंग समाप्त होने के बाद अन्य कलाकारों के डायलॉग लाता था,और उनको याद करके लंबे डायलॉग याद करने का अभ्यास करता रहा। इस तरह से डायलॉग याद करने की समस्या का निवारण तो मैंने कर दिया। यदि काम को लेकर आने वाली अड़चनों की बात करे तो मेरे लिए काम को लेकर कोई बहुत समस्याएं नहीं रही,मुझे अपने पहले काम में ही स्वास्तिक प्रोडक्शन का साथ मिला। स्वास्तिक परिवार जिसे एक बार पकड़ लेता है, उसे वह कभी भुलाता नहीं है तो मै यह अवश्य कहना चाहूंगा की स्वास्तिक परिवार और सिद्धार्थ कुमार तिवारी सर का मेरे जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और उन्होंने मेरा संपूर्ण जीवन ही बदल गया।
आप आगे कहां काम करना चाहते हैं?
सभी एक्टर के सपने होते है,की वह फिल्मों में काम करे। इस तरह के ही सपने मेरे भी है। मैं फिल्मों में भी काम करना चाहता हूं और वेब सीरीज में भी काम करना चाहूंगा। मैंने अभी तक टीवी सीरियल में काम किया है। इसलिए मुझे यदि टीवी सीरियल में अच्छा काम मिलेगा तो मैं अवश्य करूंगा। बाकी सबके ख्वाब होते है की वह फिल्म में काम करें,तो मेरा भी यह ख्वाब है।
आपकी पत्नी का कैसा सपोर्ट रहा है?
मेरी पत्नी ज्योति मिश्रा मुझे मेरे काम के लिए सदैव प्रेरित करती रहती है। अभी 31 जनवरी 2019 को हमारी शादी हुई है। तब से लेकर अब तक मेरी पत्नी का बहुत सपोर्ट रहा है। मेरी पत्नी एक शिक्षक है।
COVID-19 का आपके कैरियर पर क्या प्रभाव पड़ा?
इस महामारी का मेरे कैरियर पर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व पर इसका बहुत असर पड़ा है। यदि हम अपने घरों में बैठे है,तो इसका संपूर्ण कारण यह महामारी है। मुझे इस महामारी से बहुत कुछ सीखने को भी मिला। इस महामारी के वक्त ने सबको आध्यात्मिकता की ओर खींचा है। क्योंकि आप भाग दौड़ भरी इस जिंदगी में बहुत कुछ भूल जाते है।
आप अपने रोल मॉडल के बारे में बताना चाहेंगे?
मेरे रोल मॉडल मेरे पिताजी श्री राधेश्याम मिश्रा और मेरे बड़े भाई श्री विजय मिश्रा है,क्योंकि मैंने इन्हे संघर्ष करते हुए देखा। उन दोनों के सपोर्ट के बिना में कुछ नहीं कर सकता था। इसलिए मेरे रोल मॉडल मेरे पिताजी और मेरे बड़े भाई है। उन्होंने मेरे लिए एक ऐसा माहौल बनाया जिससे मैं टेंशन फ्री होकर अपने कैरियर पर फोकस कर पाया।
आपके परिवार का कैसा सपोर्ट मिला?
मेरे परिवार ने मुझे बहुत ज्यादा सपोर्ट किया, मैं उनके सहायता के बिना कोई भी काम नहीं कर सकता था। जैसा कि आप जानते है जब कोई भी बच्चा अपने घर में एक्टर बनने के सपने को अपने परिवार को बताता है,तो घर में एक तूफान आ जाता है। वैसा तूफान मेरे घर में भी आया था परन्तु धीरे – धीरे सभी चीजे नॉर्मल हो गई और मेरे परिवार ने मुझे बहुत सपोर्ट दिया। मुझ पर कोई प्रेशर नहीं बनने दिया जिसके कारण मैं इतना ज्यादा काम कर पाया।