कलर्स के धारावाहिक चंद्रकांता से प्रसिद्धि पाने वाली अभिनेत्री सुनैना शुक्ला कहती है कि ” आप किसी भी फील्ड में यदि सफल होना चाहते है,तो आपको रास्ते में आने वाली समस्याओं से डरना नहीं है,बल्कि उनका सामना करना है तभी आप एक सफल व्यक्तिव बन सकते है।”
कौन है? सुनैना शुक्ला
सुनैना शुक्ला एक अभिनेत्री है,जो उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की रहने वाली हैं।इनके पिता का नाम श्री प्रेम प्रकाश शुक्ला है और इनकी माता का नाम श्रीमती विमला शुक्ला है। उनके अभिनय करियर की शुरुआत थिएटर से हुई थी।इन्होंने उत्तर प्रदेश स्थित भारतेन्दु नाट्य अकादमी से नाट्य में डिप्लोमा भी किया है। इन्होंने अब तक धारावाहिक संकट मोचन हनुमान, अजब गजब घर जमाई,चंद्रकांता,जय जय बजरंगबली, एक घर बनाऊंगा,बालकृष्ण, तरेगनी, पुर्वाई एक नई आशा,कुंवारा है पर हमारा है,यारों का टशन जैसे धारावाहिकों में मुख्य भूमिकाएं निभाई है। इन सबके अतिरिक्त इन्होंने फिल्म छल कबड्डी,चकरघिन्नी जैसी फीचर फिल्मों में काम किया है और कई शॉर्ट फिल्मों में भी काम किया है। सुनैना शुक्ला एक बड़ी अभिनेत्री के तौर पर प्रतिस्थापित होना चाहती है।
आपने अपने कैरियर के लिए एक्टिंग को ही क्यों चुना?
मुझे बचपन से ही एक्टिंग पसंद थी। मैं शायद बचपन से ही एक एक अभिनेत्री बनना चाहती थी लेकिन मुझे सही रास्ता नहीं पता था। फिर जब मैं बड़ी हो गई तब मुझे एक्टिंग करने का और जज्बा हो गया। शुरुआती दिनों में मेरी मां ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। मैं भारतेंदु नाट्य अकादमी जा पाई, इसकी वजह मेरी मां ही है उन्होंने ही मेरे लिए इस कैरियर को चुनने के लिए एक रास्ता बनाया। मुझे लगता है एक्टिंग ऐसा काम है जिसे मैं सोते – जागते, खाते – पीते, उठते-बैठते कभी भी कर सकती हूं।
आप आगे कहां काम करना चाहती हैं?
वैसे तो मुझे टीवी सीरियल ,वेब सीरीज या फिर फिल्मों इन सभी माध्यमों में से कहीं भी अच्छे कांसेप्ट पर अच्छा काम मिले तो मैं जरूर करना चाहूंगी लेकिन में अपना भविष्य टीवी सीरियल में देखती हूं, क्योंकि अभी तक मैंने टीवी सीरियल में बहुत ज्यादा काम किया है। ऐसा नहीं कि मैं फिल्म्स या फिर वेब सीरीज में काम नहीं करना चाहती लेकिन मैं अपने आप को टीवी सीरियल में ही देखना चाहूंगी। मैंने अपना पहला काम टीवी सीरियल में ही पाया था। मै फिलहाल टीवी सीरियल में एक अच्छा नाम कमाने की कोशिश में हूं।
आपको अभी तक अपने काम के प्रति कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा?
जब आप कोई भी काम शुरू करते हैं,चाहे वह कोई इंडस्ट्रियल काम हो या फिर कॉरपोरेट में हो या यूं कहे कि एक छोटे से दुकानदार को भी शुरुआती दिनों में बहुत ज्यादा समयाओ का सामना करना पड़ता है। लोगों को कन्विंस करना,अपने समान को बेचना और एक अच्छी पोजिशन हासिल करने में उसे बहुत ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है और बहुत समय भी लग जाता है। आपको स्थापित होने में समय लगता है आपको बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है चाहे वह काम कोई भी हो सफलता पाने में आपको समय लगता ही है उसी प्रकार एक्टिंग में भी सक्सेस पाने के लिए बहुत ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है। भारतेंदु नाट्य अकादमी में एडमिशन पाने से लेकर मुंबई में टीवी सीरियल में काम करने तक मैंने भी बहुत ज्यादा स्ट्रगल किया है । मैंने यह सफर तय करने में बहुत ज्यादा समस्याओं का सामना किया।
COVID-19 का आपके कैरियर पर कितना असर पड़ा?
COVID-19 का हमारे कैरियर पर बहुत ज्यादा असर पड़ा। क्योंकि COVID-19 के है कारण हम सब घर में लॉक हो गए। शूटिंग बंद हो गई,काम रुक गया आप बाहर जाने का जोखिम नहीं ले सकते थे। इन सब चीजों से नुक़सान जरूर हुआ है,लेकिन मेरे मम्मी और पापा को बहुत अच्छा लगा कि मैं COVID-19 के कारण इतने लंबे समय तक घर पर रही। क्योंकि मैं सामान्य दिनों में जब भी घर आती थी तो मैं केवल 10-15 दिनों तक ही घर पर रहती थी पर अभी मैं 5 महीनों से भी अधिक समय तक घर पर रही हूं।
आपका रोल मॉडल कौन है?
ऐसा तो कोई नहीं है,लेकिन मुझे एक अभिनेत्री के तौर पर श्रीदेवी बहुत पसंद है। मुझे उनका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा लगता था, मैं अपने शुरुआती दिनों से ही उनको फॉलो करती थी। उनके एक्सप्रेशन,उनके डांसिंग मूव्स,उनकी एक्टिंग यह सब कुछ मैं उनको फ़ॉलो करके सीखती थी। मेरे जैसी ना जाने कितने लोग है, जो उनको देखकर इस इंडस्ट्री में आए की मुझे भी ऐसा कुछ करना है।
आपकी फैमिली का कैसा सपोर्ट रहा?
मेरी ताकत मेरा परिवार है। शुरुआती दिनों में मेरे पापा श्री प्रेम प्रकाश शुक्ला थोड़े नाराज थे फिर धीरे – धीरे उन्होंने ने भी मुझे सपोर्ट करना शुरू कर दिया। मेरे परिवार के बाकी सदस्य मेरी मां श्रीमती विमला शुक्ला,मेरे भाई शशांक शेखर शुक्ला तथा मेरी बहने शुभ्रा शुक्ला,छवि शुक्ला और यशस्वी शुक्ला ने भी मुझे बहुत सपोर्ट किया है। मैं अपने फैमिली के सपोर्ट के बिना कुछ नहीं कर सकती थी। अब तक जो कुछ भी हासिल किया है,उन सभी सफलताओं में मेरे परिवार का बराबर का योगदान रहा है।