धारावाहिक निमकी विधायक में काम करने वाले अभिनेता मंजर हुसैन खान कहते है कि ‘ हमे अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा प्रयास करना चाहिए
मंजर हुसैन खान का संक्षिप्त परिचय
मंज़र हुसैन खान एक अभिनेता है। जो 25 वर्ष के हैं यह बिहार के आरा जिले के रहने वाले है। इनके पिता का नाम नौशद अहमद है। इनके अभिनय कैरियर की शुरुआत थियेटर से सन् 2015 में हुई थी। इन्होंने बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रामाटिक आर्ट्स से नाट्य में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। मंजर हुसैन साल 2018 में मुंबई आएं और अब तक इन्होंने निमकी विधायक,क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया जैसे कई धारावाहिकों में काम करने के साथ – साथ कई शॉर्ट फिल्मों,एवम फिल्मों में भी काम किया है मंज़र हुसैन खान एक बड़े अभिनेता के रूप में प्रतिस्थापित होना चाहते है।
आपने – अपने लिए एक्टिंग को ही क्यों चुना?
मेरे दिमाग में कभी नहीं था कि मुझे एक्टर ही बनना है,यह मेरे लिए एक एक्सिडेंट की तरह था। मुझे क्या बनना था? यह चीज मेरे दिमाग में कभी भी क्लियर नहीं था। मैं बस पढ़े जा रहा था लेकिन किस लिए पढ़ रहा था? मेरे पिताजी चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं,जिसकी तैयारी के लिए मैं राजस्थान के कोटा शहर में गया हुआ था,और वही मेरे अंदर एक्टर बनने का बुखार चढ़ा और मैं एक्टर बनने की राह पर चल पड़ा।
आप आगे कहां काम करना चाहते है?
मुझे बस एक अच्छा अभिनेता बनना है,चाहे माध्यम कुछ भी जैसे टीवी सीरियल,वेब सीरीज या फिर फिल्में। मुझे लोग एक अच्छे अभिनेता के तौर पर जाने बस यही मेरी ख्वाहिश है और में इसी राह पर चल रहा हूं।
अभी तक आपको कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा? आप समस्याओं को कैसे दूर कर पाए?
मेरे लिए सिर्फ एक ही समस्या रही काम की कमी जिसको मैं अपने प्रयास से धीरे – धीरे दूर कर पा रहा हूं। बाकी मेरे पास कोई समस्या जैसी चीज नहीं रही है। मेरे पास रहने के लिए घर,पहनने के लिए कपड़ा,खाने के लिए खाना तथा दोस्त और परिवार का पूरा सपोर्ट रहा है। इसलिए मुझे मुंबई में मुझे समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा। मुंबई जैसे शहर को लोग वैसे ही पेंचीदा बना देते है।
आपका रोल मॉडल कौन है?
वैसे तो मेरा रोल मॉडल मैं खुद ही हूं, क्योंकि मैं अपनी कमियों को हमेशा दूर करने का प्रयास करता रहता हूं। अपने गलतियों से सीखता रहता हूं। यदि मैं किसी को रोल मॉडल मानता तो वह भी एक इंसान ही होता। बाकी मैं सबकी फिल्में देखता हूं और सबसे कुछ ना कुछ सीखता रहता हूं। मैं अलग – अलग भाषाओं की भी फिल्में देखता हूं। मुझे हिंदी फिल्मों में मनोज बाजपई और इरफान खान की फिल्में ज्यादा प्रभावित करती है।
COVID-19 महामारी का आपके कैरियर पर कैसा असर पड़ा?
इस महामारी का आरा पूरे दुनिया पर पड़ा,हमारे देश पर पड़ा तो जाहिर सी बात है कि मुझ पर भी इसका असर पड़ेगा। पूरी की पूरी दुनिया कुछ दिनों तक घर में रही,सभी काम रुक गए लेकिन जब काम फिर से शुरू हुआ तो पहले की तरह काम की अधिकता नहीं रही जिससे हमे काम की कमी देखने को मिली पर अब चीजे धीरे – धीरे नॉर्मल हो रही है।
आपके काम के पीछे आपके परिवार का कैसा सपोर्ट रहा है?
मेरे पिताजी का पूरा सपोर्ट मुझ पर रहा है,लेकिन मेरी पिताजी और मेरे परिवार की इच्छा थी कि मैं इंजीनियर बनूं या फिर कोई गवर्मेंट जॉब करूं। जब मैंने अपनी इच्छा अपने पिता जी को बताई तो उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया लेकिन मुझे मेरे पिता जी के अतिरिक्त और किसी का सपोर्ट इस फील्ड में आने के लिए नहीं मिला।
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