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अभिनेत्री रज़िया खानम(Razia Khanam) से बातचीत के संपादित अंश

आश्रम 2  वेब सीरीज में काम करने वाली अभिनेत्री रज़िया खानम(Razia Khanam) कहती है, की “यदि आप अपने जीवन में कोई लक्ष्य बनाते है,तो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार सही दिशा में मेहनत करना आवश्यक होता है”आइए पढ़ते है उनसे बातचीत के संपादित अंश

कौन है रज़िया खानम(Razia Khanam)?

रज़िया खानम(Razia Khanam) एक अभिनेत्री है,जिनका जन्म 2 सितंबर 1995 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुआ था। रज़िया खानम के पिता का नाम शाहिद अली है तथा इनकी माता का नाम मसर्रत जहां है। रज़िया खानम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मास्टर इन लिंगस्टिक एंड मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मास मीडिया की डिग्री भी हासिल किया है। रज़िया खानम के अभिनय करियर की शुरुआत भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में थिएटर के द्वारा ही हुई थी। रज़िया खानम ने एनजीओ भी चलाया है। रज़िया खानम ने अब तक आश्रम 2,मैडम सर, जगत जननी मां वैष्णो देवी,महारानी 2,शुभ लाभ जैसे पॉपुलर वेब सीरीज और टीवी शोज में भी काम किया है। इसके अतिरिक्त रज़िया खानम कई एपिसोडिक शोज में भी काम किया है। रज़िया खानम ने वाइस ओवर आर्टिस्ट और एक लेखक के तौर पर रेडियो शोज में भी काम किया है। रज़िया खानम की आने वाली फिल्म थाई मसाज है।

आपने एक्टिंग क्यों चुना?

मेरा एक्टिंग के प्रति रुझान थिएटर से बढ़ा,जब तक मैं यूनिवर्सिटी नही गई थी तब तक मुझे थिएटर के बारे में पता भी नही था की थिएटर क्या होता है लेकिन जब मैंने पहला थिएटर शो देखा इसके बाद से मैं अपने – आप को रोक नहीं सकी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में यूनिवर्सिटी ड्रामा क्लब ज्वॉइन कर लिया। शुरुआत में मुझे थोड़ी सी परेशानी हुई लेकिन जब मैंने एक – दो नाटक में अभिनय कर लिया उसके बाद मैने पीछे मुड़कर नही देखा। थिएटर से मैं इतना जुड़ गई थी,की अब मुझे केवल एक्टिंग में ही करियर दिखने लगा था। जिसके बाद से मैने मुंबई जाने का फैसला किया और इस तरह से मैने अपने करियर के लिए एक्टिंग को ही चुना।

एक्टिंग के प्रति अब तक आप का कैसा अनुभव रहा?

थिएटर से शुरू होकर अब टीवी सीरियल्स,वेब सीरीज, फिल्में यह सब करने के बाद मुझे बहुत अच्छा लगता है लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था। मुझे यह सफर तय करने में बहुत सारी मुश्किल झेलनी पड़ी है। बस मैं यही कहना चाहूंगी मेरे लिए अब तक अच्छे और बुरे दोनो तरह के एक्सपीरियंस देखने को मिले है।

आपके परिवार का कैसा सपोर्ट रहा?

आप कोई भी काम कर रहे हो, ऐसे में आप के पास आपके परिवार का सपोर्ट होना बहुत आवश्यक है। अगर किसी का सपोर्ट नहीं मिलता है,तो चीजे रुकती नहीं है लेकिन सपोर्ट आपको और अधिक उत्साहित है करता है। मेरे लिए मेरे पिता ने मुझे सपोर्ट नहीं किया लेकिन मेरी मम्मी ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। शुरू से लेकर अब तक वह मेरे काम को सराहती रही,मेरे सपोर्ट में हमेशा खड़ी रही। आज भी वह अपनी बेसिक लाइफ छोड़कर मुझे सपोर्ट करने के लिए मेरे साथ मुंबई में रहती है। मेरी मम्मी के अतिरिक्त मेरे भाई ने भी मुझे बहुत सपोर्ट किया है। जब भी मैं आपने शोज के वीडियो उसे भेजती हूं,वह हमेशा मेरे काम को सराहता है। 

आपकी आगे की क्या योजना है?

योजनाएं इस तरह से हैं,कि मैं थिएटर को कभी छोड़ना नहीं चाहती और उसमें एक अलग दिशा बनाना चाहती हूं। क्योंकि लोग थिएटर का सहारा लेकर इंडस्ट्री में आते हैं और कहीं ना कहीं व्यवस्थाओं की वजह से वह पीछे छूट जाता है। मैंने अपनी शुरुआत थिएटर से ही की थी,थिएटर से ही मैंने जीवन जीने का तरीका सिखा थिएटर ने ही मुझे अपने काम को लेकर गंभीर बनाया। कहा जाए तो थिएटर मेरी जिंदगी का एक बहुत ही अहम हिस्सा रहा है। यह बात मैं मुंबई आ कर और अधिक पहचानी जब लॉकडाउन के बाद स्थिति बिल्कुल खराब हो गई थी, तो जीवन में किस तरह स्थिर रहकर आप अपने लक्ष्य को पा सकते हैं। मैं मुंबई आने के बाद यहां से लौट जाना चाहती थी लेकिन मेरे पास राइटिंग,डबिंग और ट्रांसलेशन के बहुत सारे काम किए थे। इसके अलावा मैंने क्रिएटिव डायरेक्टर का भी काम किया और यह सारी चीजें मैंने थिएटर से सीखी, क्योंकि थिएटर में एक्टिंग के अलावा हम बहुत सारे काम करते हैं जो हमें बताते हैं, कि आपको जीवन जीने के लिए अपने अंदर बहुत सारे गुण पैदा करने होंगे और कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता तो आज मैं कुछ नाटकों का आभास करने वाली हूं मैंने सोचा है, कि मैं अपने कुछ नाटक लिखूंगी। जिन पर मैं काम कर रही हूं और जल्दी ही वह मैं मुंबई के अलग-अलग स्टूडियोज अलग-अलग थिएटर में अपने थिएटर ग्रुप के साथ उन्हें परफॉर्म भी करने वाली हूं, जिसमें से मेरा सबसे अच्छा प्रोजेक्ट अगर कहा जाए तो वह हम अपनी टीम के साथ करने वाले हैं,जिसमें मेरा साथ दे रहे हैं दिलीप कुमार पांडे इस नाटक को हम यूपी और बिहार की लोक कथाओं लोक भाषा और सबसे अहम मुद्दा भिखारी ठाकुर की जीवनी से प्रभावित होकर बना रहे है। इसके अलावा भी हम लोग कुछ और नाटकों पर भी काम कर रहे हैं हमारा मकसद है, कि हम युवा कलाकार होने के नाते लोगों में अपनी सोच थिएटर के जरिए और थिएटर के लिए बनाएं।

क्या आप विवाहित है या कभी किसी के साथ रिलेशनशिप में रही है?

जी,नहीं अभी तक मेरी लाइफ में ऐसा कुछ नही है। अभी मैं सिंगल हूं और अपने काम को लेकर फोकस हूं। मेरी पहली प्राथमिकता अपने आप को स्थापित करना है।

आपकी रोल मॉडल कौन है?

वैसे तो मेरी रोल मॉडल मेरी मां है पर परिस्थितियों के आधार पर मैं अपने टीचर्स अपने कुछ सीनियर्स को भी अपना रोल मॉडल मानती हूं। मैं अपनी टीचर और मेरी एनजीओ की को-फाउंडर सबीहा नाज़ को भी अपना रोल मॉडल मानती हूं।

आपकी हॉबीज क्या है?

मुझे कुकिंग बहुत पसंद है, मैं पेंटिंग करना,क्राफ्टिंग करना बहुत पसंद करती हूं। मुझे ट्रेवलिंग करना भी बहुत पसंद है।