गुम है किसी के प्यार में :14 मई के एपिसोड की शुरुआत होती है। साई कहती है, कि वह विराट का ध्यान रख लेगी और साथ में ही वह अपनी पढ़ाई भी करेगी। सोनाली कहती हैं, कि इस घर में और भी लोग हैं जो तुमसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं साईं। मोहित कहता हैं कि कम से कम विराट दादा के बारे में सोचिए। वह बस डिस्चार्ज होकर आए है और आप लोग लड़ने में व्यस्त हैं।
सोनाली मोहित को रोकती है, लेकिन भवानी ने मोहित को यह कहते हुए ताना मारा कि ,वह साईं की परछाई की तरह है। वह साईं के लिए खड़ा नहीं होगा यह असंभव है। साई ने मोहित का समर्थन करते हुए कहा कि हम एक मजबूत बंधन साझा करते हैं। निनाद पूछता है कि आपको पाखी और विराट के बंधन में समस्या क्यों है? साई कहते हैं कि आप सभी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि विराट और पाखी का संबंध मुझसे और मोहित से अलग क्यों है? ओंकार और निनाद ने फिर साईं पर आरोप लगाया।
साई कहती हैं कि वे उसे विराट की देखभाल करने से नहीं रोक सकते। वह इसलिए अड़ी है क्योंकि देवयानी और पुलकित की शादी भी उन्हीं की वजह से हुई थी। ओमकार ने अपनी आवाज उठाई और विराट ने उसे कहा कि मैं आपको उस अपराध की याद दिला सकता हूं जो आपने किया था। सोनाली, ओंकार का पक्ष लेती है। विराट का कहना है कि किसी से लाभ मिलने पर यह परिवार हमेशा खुश रहता है। इसलिए कोई भी साईं की वापसी से खुश नहीं है। अश्विनी कहती है कि मोहित और मैं साईं के लिए बेहद खुश हैं। मोहित परोक्ष रूप से पाखी को ताना मारता है।
पाखी चौंक जाती है और जाने वाली होती है लेकिन भवानी उसे यह कहते हुए रोक देती है कि मोहित साईं जैसा हो गया है। यह साईं से बात करने का असर है। साईं ,भवानी से कहती हैं ,मैं भी तुमसे बात करती हूं। इसलिए आप भी ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। भवानी स्तब्ध रह जाती है। सोनाली का कहना है कि भवानी यहां सबसे बड़ी सदस्य हैं। तुम उनका अपमान कैसे कर सकती हो? साईं कहती हैं कि इसलिए उन्हें यह समझना चाहिए कि विराट को आराम की जरूरत है और बड़बड़ाने के बजाय उन्हें मुझे विराट को कमरे में ले जाने की अनुमति दे देनी चाहिए।
पाखी कहती है ठीक है हमें माफ कर दो साईं। साईं ने उसे ताना मारते हुए कहा कि तुम मुझे अच्छी तरह समझटी हो। अश्विनी रसोई में खाना बनाने जाती है लेकिन भवानी कहती है कि क्या तुम साईं के लिए विशेष मिठाई और व्यंजन ऑर्डर नहीं करोगी? यह तुम्हारे लिए जश्न मनाने का समय है, है ना? अश्विनी करारा जवाब देती है और निनाद को साईं के लिए मिठाई लाने को कहती है। उन्होंने मीठे व्यंजनों के बारे में बताया। पाखी सुनकर चिढ़ जाती है।
साईं ने विराट को बिस्तर पर बैठाया,जिसके बाद विराट कहते हैं कि यह घर आपकी मौजूदगी के बिना कुछ भी नहीं है। साई ने नोटिस किया कि उसका सामान अभी भी विराट के कमरे में है। वह कहती है कि मुझे लगा कि आपनेने मेरा सामान भी फेंक दिया। विराट का कहता है,की जो बीत गया उसके बारे में मुझे कुछ नही बात करना है। साईं जाने वाली होती हैं लेकिन उसका दुपट्टा फंस जाता है। साई को लगता है कि विराट इसे पकड़ रहा है इसलिए वह उसे अपना दुपट्टा छोड़ने के लिए कहती है, लेकिन विराट जवाब देता है कि अगर आप चाहें तो मैं इसे जीवन भर के लिए पकड़ सकता हूं। अश्विनी विराट के लिए खाना लेकर आती है। साईं अश्विनी को गले लगाते हैं और वे एक अपनी इमोशनली बात साझा करती हैं।
साईं कहती है, मैंने आपको बहुत याद किया है। मैं जब भी चाँद को देखती थी तो मुझे आपकी याद आती थी। अश्विनी रोते हुए कहती है फिर मुझे फोन क्यों नहीं किया? इसके बाद साईं, विराट को चिढ़ाते हुए कहते हैं कि मैं उन्हें खडूस जासूस कहती हूं। अश्विनी खुश हो जाती है। साईं ने विराट को गुड़िया दिखाते हुए चिढ़ाया बाद में वह उसे खाना खिलाती है। विराट,साईं का हाथ पकड़ते हैं और कहते हैं कि मिशन के बाद मुझे इस घर में वापस आने का कोई कारण नहीं मिला। जैसे मुझे तुम्हारी ही याद आ रही थी।