प्रतिज्ञा 2 के तीसरे एपिसोड की पूरी कहानी का सारांश हिंदी में पढ़े,कभी कभी हम अपने फेवरेट सीरियल मिस कर देते है,फिर दोबारा देखने का टाइम नहीं निकाल पाते है,तो आप काम समय में अपने शोज़ का हाल जान सकते है। इसी तरह से प्रस्तुत है,प्रतिज्ञा 2 के एपिसोड 3 का लिखित अपडेट
प्रतिज्ञा 2 के 17 मार्च एपिसोड 3 की पूरी कहानी का लिखित अपडेट
तीसरे एपिसोड की शुरुआत में ही कृष्णा और उसका गर्व बात कर रहे होते है,कृष्णा अपने बेटे गर्व को बोलता है,कि जो कुछ तुम्हारे साथ हुआ, यह बातें किसी से मत बताना अपनी मम्मा से भी मत बताना। तभी वहां प्रतिज्ञा आ जाती है और कहती है, बाप बेटे में क्या बातें हो रही है? मुझसे क्या छुपाया जा रहा है। तब कृष्णा बहाना बताते हुए बोलता है, कि बाप बेटे की भी कुछ प्राइवेसी होती है, हम आपको नहीं बता सकते। तभी वहां कोमल आती हैं, गर्व को बोलती है, अंदर चलो सोने चलना है। तब वह बुआ से बोलता है, बुआ आज मैं पापा के पास सोना चाहता हूं। वह परेशान हो जाती है, कि इन 7 सालों में गर्व मेरे साथ सोया है। आज उसे अचानक क्या हो गया? फिर इसके बाद वहां से चली जाती है। और परिवार वालों के पास पहुंचती है ,तभी वहां शक्ति भाई बोलते हैं, कि कोमल तू जितनी जल्दी हो सके, यह बात मान ले कि गर्व प्रतिज्ञा और कृष्णा का लड़का है। वह तुम्हारा कभी नहीं हो सकता। क्योंकि खून खून होता है। इसके बाद सज्जन सिंह शक्ति को बोलते है,की कोमल से ऐसे बात किया तो जूता निकालकर तेरे मुंह में मार दूंगा। क्योंकि कोमल हमारी इकलौती बेटी है, और तू उसे ऐसे नहीं कह सकता। उधर दूसरी तरफ प्रतिज्ञा नोटिस करती है,की गर्व ने अपना चश्मा नहीं पहना है। वह गर्व को इस बात के लिए डांटती है। कृष्णा अपनी पत्नी प्रतिज्ञा को बेटे गर्व को डांटने से मना कर के गर्व को लेकर बिस्तर पर लेट जाता है। कृष्णा प्रतिज्ञा से पूछता है,की बलवंत त्यागी वाले केस का क्या हुआ? प्रतिज्ञा कृष्णा को बताती है,की अभी जांच चल रही है,लेकिन मुझे लगता है कि यह मर्डर केस है। इस पर कृष्णा प्रतिज्ञा से कहता है,को ना कोई सबूत और ना कोई गवाह फिर कैसे मान ले की मर्डर केस है। इस पर प्रतिज्ञा कहती है कि अपराधी कोई ना कोई सबूत जरूर छोड़ देता है। इसलिए छान बीन में कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा। इसके बाद कृष्णा को शक होता है,की कहीं गर्व ने तो अपना चश्मा वहीं नहीं गिरा दिया। उसके बाद सब सो जाते है।
थोड़ी देर बाद जब रात और अधिक हो जाती है,कृष्णा जागकर घटनास्थल पर पहुंच जाता है,जहां वह देखता है,की बलवंत त्यागी और उसका भाई पहले से ही वहां पर मौजूद होते है। दोनों भाई बात कर रहे होते है,की हमारे बेटे को जिसने मारा है,हम उसके खानदान का नामों निशान मिटा कर रख देंगे। तड़पा – तड़पा कर मारेंगे। कृष्णा उन्हे देखकर थोड़ा घबराया हुआ होता है। फिर वह बलवंत त्यागी के पास जाता है,और उनसे कहता है,की वह बलवंत त्यागी है। इस पर बलवंत त्यागी कहते है,जी उसके बाद कृष्णा बलवंत त्यागी को उसके साथ हुई उसकी बेटे की घटना पर दुख प्रकट करता है। बलवंत त्यागी कहता है,की जो कुछ हुआ इसके बाद अब आपके प्रयागराज में खून की नदी बहाने वाली है,फिर वह पीछे मुड़ता है। उसके बाद कृष्णा की नजर गर्व के चश्मे पर पड़ती है। वह जैसे ही चश्मा उठाने के लिए नीचे झुकता है। बलवंत त्यागी कृष्णा की तरफ देखकर कहता है,की यह क्या कर रहे हो। कृष्णा बलवंत से कहता है,की आप उम्र में मुझसे बड़े है,इसलिए मैं आपके पैर छू रहा हूं। इस पर बलवंत बहुत खुश होता है।
दूसरी तरफ प्रतिज्ञा की नींद खुल जाती है,तो वह अपने पास कृष्णा को नहीं पाती है। इस पर वह चिंतित हो जाती है। प्रतिज्ञा कृष्णा के बारे में सोचने लगती है,की कृष्णा इतनी रात गए कहां जा सकता है। इधर कृष्णा बलवंत त्यागी से कहता है,की रात बहुत हो गई है,अब मैं घर सोने के लिए जाता हूं,और गुड नाईट कहकर चला जाता है। जब वह घर जाता है,तो जैसे ही दरवाजा खुलता है,देखता है कि प्रतिज्ञा दरवाजा खोल रही होती है। इसके बाद एपिसोड समाप्त हो जाता है।