प्रतिज्ञा 2: एपिसोड की शुरुआत होती है,अस्पताल में घायल पड़े कृष्णा को डॉक्टर मृत घोषित कर देते है,जिसके बाद पूरे परिवार में शोक में डूब जाता है। प्रतिज्ञा जोर – जोर से रोने लगती है। उसके साथ ही कृष्णा की मां और बाबूजी दोनो रोने लगते है। कुछ देर बाद हार्टबीट मॉनिटर चलने लगता है। जिसके बाद सभी थोड़ी सी राहत की सांस लेते है,की कृष्णा अभी जिंदा है। उसके बाद डॉक्टर आते है,और इलाज शुरू करते है। सभी परिवारवालों को बाहर करते है।
अगले दृश्य में कुछ दिनों बाद की कहानी दिखाई जाती है,जिसमे कृष्णा की मां और बहन कोमल दोनो ही कृष्णा की इस हालत की जिम्मेदार प्रतिज्ञा को मानते है। ठकुराइन अब घर में प्रतिज्ञा के रास्ते से हटकर चलने की बात कहती है,जिसपर कोमल कहती है,की ऐसा कुछ नही होगा,प्रतिज्ञा के रहते कोई भी गलत रास्ते पर नही चल सकता है। ठकुराइन फिर कोमल को बताती है,की घर वालो को सही रास्ता दिखाने के लिए प्रतिज्ञा को घर में होना चाहिए,हम प्रतिज्ञा का नाम घर के रजिस्टर से मिटा चुके है। कोमल कहती है, की कृष्णा कभी नही मानेगा,वह प्रतिज्ञा को कहीं भी चली जाए,अंत में मना कर ले आएगा। ठकुराइन कोमल को कहती है,की हम ऐसा उपाय करेंगे की कृष्णा कभी भी प्रतिज्ञा को वापस नहीं लेकर आ पाएगा।
उधर दूसरी तरफ प्रतिज्ञा बहुत दुखी होती है,वह आदर्श को बताती है,की सारी घटना की जिम्मेदार सभी परिवार वाले मुझे ही मान रहे है। फिर आदर्श उसे समझाता है, की आपने जो भी किया सब न्यायिक दृष्टि से सही था। प्रतिज्ञा कहती है,मुझे कानून और न्याय ने ही फेल किया है। जिस कानून पर मुझे विश्वास था,उसी ने मुझे हरा दिया। प्रतिज्ञा थोड़ी देर बाद एक अधिकारी को फोन लगती है,और कृष्णा के इस हालत का जिम्मेदार बलवंत त्यागी और उस जेल के पुलिस वालो को बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग करती है। वह अधिकारी प्रतिज्ञा को बलवंत त्यागी के गिरफ्तारी का आश्वासन देता है।
अगले दृश्य में प्रतिज्ञा आती है,और सभी घरवालों को कृष्णा के डिस्चार्ज होने की खबर सुनाती है। कोमल बताती है,की बाबूजी ने फोन करके जानकारी दी है,की कृष्णा भाई की हवा पानी बदल जाए,इसलिए उन्होंने अपने किसी दोस्त के फॉर्महाउस पर बुलाया है। फिर सभी फॉर्महाउस जाने के लिए जाने लगते है। शक्ति अपनी मां और बच्चों को ले जाता है। वहीं आदर्श कृष्णा और प्रतिज्ञा के साथ कोमल को ले जाता है। यहीं पर एपिसोड समाप्त हो जाता है।