प्रतिज्ञा 2: 29 मार्च के एपिसोड की पूरी कहानी हिंदी में, जानें क्या हुआ गर्व के साथ? राधे ने आत्मसमर्पण किया या नहीं? क्या कृष्णा और बलवंत त्यागी में भिड़ंत हो गई? इन सभी सवालों के जवाब इस लेख के माध्यम से मिलेगा
प्रतिज्ञा 2 : एपिसोड 11 की पूरी कहानी हिंदी में(Pratigya 2 Written Update)
प्रतिज्ञा 2 के 11वें एपिसोड की कहानी के शुरू होती है,प्रतिज्ञा अपने कमरे से बाहर निकलती है। जहां हाल में घर के सभी लोग बैठे होते है। प्रतिज्ञा सज्जन सिंह से पूछती है,को आप ने कला चश्मा क्यों पहना है। इस पर कृति प्रतिज्ञा को बताती है,की दादा जी के आंख में बहुत रंग चल गए था,इसीलिए उन्होंने चश्मा लगाया है। प्रतिज्ञा फिर सज्जन सिंह के मोतियाबिंद के ऑपरेशन कराने की बात कहती है। प्रतिज्ञा अपने हाथ से अपन सिर पकड़े होती है। सज्जन प्रतिज्ञा से पूछ पड़ते है,की तुमने सिर क्यों पकड़ा है। सज्जन सिंह के इस बात पर प्रतिज्ञा जवाब देती है,की कृष्णा ने ना जाने मेरे ठंडाई में क्या मिला दिया? जिसके चलते सिर दर्द हो रहा है,उसके बाद सज्जन सिंह से दवाई मांगती है। सज्जन सिंह दवाई का डब्बा कृति को लाने के लिए कहते है। फिर प्रतिज्ञा को दवाई देते है और कहते है, जल्द ही यह अपना असर दिखाएगा। फिर सज्जन सिंह अपने युवा अवस्था के होली की कथा सुनाने लगते है,की कैसे वह उस दौर में ठकुराइन के साथ होली खेलते है। उसके बाद प्रतिज्ञा कहती है,की होली जैसे त्योहार खुशियां लाते है,सब कितने खुश है,लेकिन कोमल दीदी को आज बहुत सारा दुख है। इस पर सज्जन सिंह कहते है,उसकी किस्मत के यदि इतना सारा दुख लिखा है,तो उसमे मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं। ठकुराइन भी कहता है,की हमने अपनी बिटिया के लिए हर सुख – सुविधा दिया लेकिन ईश्वर के आगे किसका चलता है। फिर प्रतिज्ञा सोचती है,की कोई भी कोमल दीदी की दूसरी शादी के बारे में नहीं सोच रहा की उनकी जिंदगी फिर से शुरू हो सकती है।
कोमल के कमरे का दृश्य दिखाई देता है,जिसमे कोमल के सपने में कृष्णा का पड़ोसी आदर्श दिखाई पड़ता है,फिर वह उठती है,और अपने पति आदर्श के फोटो के सामने मृत्युंजय मंत्र पढ़ने लगती है
अगले दिन का थाने का दृश्य दिखाया गया,जहां राधे चाय पी रहा होता है,और कृष्णा की बातों को याद कर रहा होता है,थोड़ी देर बाद वह हिम्मत करता है,थाने के अंदर प्रवेश करता है। इंस्पेक्टर के सामने आकर वह आत्मसमर्पण करता है,और कहता है मुझे गिरफ्तार कर लीजिए। इंस्पेक्टर हथकड़ी लगाता है,और बाहर की ओर जाने लगता है,इसपर राधे कहता है,की आप मेरा कंप्लेन लिखिए,तथा मुझे हवालात में डालिए। राधे को इस बात का उत्तर देते हुए इंस्पेक्टर कहता है,की को अपना जुर्म कबूल करते है,उन्हे हम थोड़ी इज्जत देते है। फिर वह उसे लेकर चला जाता है।
दूसरी ओर कृष्णा का बेटा गर्व अपने स्कूल का समय समाप्त होने के बाद अपनी मम्मी का इंतजार कर रहा होता है,तभी बलवंत त्यागी उसे अपनी गाड़ी में बैठा लेता है,और उसकी गाड़ी थोड़े दुर पर खड़ी करता है,वह उससे पूछता है,की तुम मुझे देखकर डर क्यों जाते हों? गर्व बिलकुल डरा हुआ होता है। बलवंत उससे फिर पूछता है,क्या जानते हो मेरे बारे में गर्व कुछ नही बताता है। प्रतिज्ञा गर्व को लेने पहुंचती है,वहा उसे न पाकर घबरा जाती है,फिर चौकीदार द्वारा उसे गर्व का पता चलता है,वह बलवंत के गाड़ी तक पहुंचती है और उससे कहासुनी हो जाती है। उसी समय बलवंत को आत्मसमर्पण को खबर मिलती है,वह फिर वहां से चला जाता है।
अगले दृश्य में इंस्पेक्टर राधे को लेकर एक रेल की पटरी के पास ले जाता है,जहां कोई भी आदमी नही दुहाई देता है। वह उसे छोड़कर वहां से चला जाता है,फिर धारा और बलवंत आते है,और राधे से पूछताछ करते है,राधे अपना जुर्म कबूल कर लेता है। बलवंत राधे से पूछता है,की मेरा छोरा मरते हुए क्या बोला था,मुझे याद तो किया होगा? क्या बोला उसने राधे उत्तर में पापा बोलता है। इस पर बलवंत को शक हो जाता है,की तुमने यह नही किया है,किसी के कहने पर ऐसा तुलने किया है।
अगले दृश्य में प्रतिज्ञा घर पहुंचती है,और गर्व को लेकर अपने और बलवंत के कहासुनी के बारे में बताती है। कृष्णा गुस्से में बलवंत से भिड़ने के लिए जाता है,,लेकिन सज्जन और प्रतिज्ञा उसे रोक लेते है। ठकुराइन प्रतिज्ञा को कोर्ट कचहरी छोड़ने के लिए कहती है। कृष्णा प्रतिज्ञा से कहता है, की अब तो केस खत्म हो गया है,अब तुम क्यों उसे मिल रही हो,अपराधी ने तो सरेंडर कर दिया। प्रतिज्ञा सरेंडर को बात को नकारते हुए कमरे में चली जाती है,और यह एपिसोड वही समाप्त हो जाता है।
अगली कड़ी में – कृष्णा राधे के बारे में सोच रहा होता है,की कहीं वह बदल तो नही गया है? इधर प्रतिज्ञा को दूसरी तरफ गर्व के खिलाफ सबूत मिल जाता है। तो दूसरी तरफ न्यूज में राधे को मौत की खबर चल रही होती है।