प्रतिज्ञा 2: 40वें एपिसोड की शुरुआत होती है। प्रतिज्ञा और आदर्श फॉर्महाउस के बाहर वाले घर के एक कमरे में बंद रहते है,दोनो दरवाजा खटखटाते है। प्रतिज्ञा कृष्णा और अम्मा को आवाज लगाती है,लेकिन कोई नही सुन रहा होता है। प्रतिज्ञा फिर फोन करने के लिए जाती है,लेकिन उसका फोन बंद रहता है। उसके बाद प्रतिज्ञा कहती है,की लगता है सभी लोग सो चुके होंगे? हमे सुबह दरवाजा खोलवाने की कोशिश करना चाहिए l दोनों अलग – अलग से सो जाते है।
सुबह नाश्ते के समय गर्व मुंह लटका कर बैठा होता है। फिर कोमल प्रतिज्ञा के बारे में पूछती है,वह आदर्श और प्रतिज्ञा को नहीं पाने पर कहती है,की लगता है,आदर्श और प्रतिज्ञा कहीं एक साथ ही है। मैं आदर्श के कमरे में देख कर आती हूं। इतने में मीरा आती है और वह बताती है। दोनो वहां भी नही है,फिर ठकुराइन सबसे प्रतिज्ञा को ढूंढने का आग्रह करती है। सभी प्रतिज्ञा को ढूंढने के लिए नाश्ता छोड़कर चले जाते है। पूरे घर में प्रतिज्ञा को ढूंढने लगते है।
ठाकुराइन घर के बाहर आकर बहुत प्रसन्न रहती है,और प्रतिज्ञा और आदर्श को एक कमरे में बंद करने की साजिश के सफल होने पर बहुत खुश होती है। वह कहती है,की इस तरह एक कमरे में प्रतिज्ञा और आदर्श को देखकर बेटा प्रतिज्ञा से दूर हो जाएगा और बेटी आदर्श से दूर हो जायेगी। इसे कहते है,एक तीर से दो निशाने और उसके बाद वह उस कमरे के पास जाकर दरवाजा खोल देती है। दरवाजा खोलने के बाद ठाकुराइन कोमल और कृष्णा को वहां उस कमरे के पास बुलाती है। बाहर ठाकुराइन की आवाज सुनकर अंदर कमरे के सोए हुए,प्रतिज्ञा और आदर्श की नींद खुल जाती है। इतने में कृष्णा वहां आता है,और आदर्श और प्रतिज्ञा को एक साथ एक कमरे में देखकर चौंक जाता है। सभी घरवाले आदर्श और प्रतिज्ञा पर कई तरह के आरोप लगाने लगते है। कोमल भी प्रतिज्ञा पर आरोप लगाती है,जिसपर आदर्श उसे गुस्सा होकर कहने लगता है,जैसा आप लोग समझ रहे है,ऐसा कुछ नही है। बस हम कमरे में फंस गए थे,और आप एक महिला होकर दूसरी महिला पर कैसे आरोप लगा सकती है? प्रतिज्ञा कृष्णा को भरोसा दिलाने की कोशिश करती है,की जैसा सब समझ रहे है,ऐसा कुछ नही है हमारे बीच। इस कोमल बिलकुल गुस्सा हो जाती है,वह प्रतिज्ञा को थप्पड़ मारना चाहती है,किंतू कृष्णा उसे रोक लेता है। फिर वह कहता है,की प्रतिज्ञा यदि 10 रातों के लिए भी कहीं चली जाए तो मुझे उस पर भरोसा है। वह जो भी करती है,मुझे बताकर ही करती है। इन सभी घटनाओं के बाद कोमल एकदम गुस्सा होकर अपने कमरे में चली जाती है। कोमल अपने कमरे में जाकर बैठ जाती है,वह अपने आप को दुर्भाग्यशाली समझती है
कृष्णा अपने कमरे में बडबडा रहा होता है,की मेरा परिवार कभी – कभी अजनबियों जैसा व्यवहार करता है। वह प्रतिज्ञा पर ऐसा आरोप कैसे लगा सकते है? और वह इन सब आरोपों को सुनने के बाद कैसा महसूस कर रही होगी? प्रतिज्ञा ने अपने बेटे गर्व को भी कोमल को दे दिया फिर भी वह उसे थप्पड़ मारना चाहती है। उधर दूसरी तरफ मीरा,प्रतिज्ञा को नाश्ता देती है। प्रतिज्ञा अपने पति कृष्णा के पास जाना चाहती है,किंतू उसे ठकुराइन रोक लेती है। वह प्रतिज्ञा को समझाने लगती है,की उसे तुम्हारे बिना रहने की आदत डालने दो। प्रतिज्ञा ठकुराइन से कृष्णा के पास जाने का आग्रह करती है लेकिन वह कृष्णा के पास उसे जाने से रोकती है। एपिसोड यहीं समाप्त हो जाता है।