भ्रष्टाचार की वेदी पर स्वच्छता अभियान
असिलाभार निवासी चिंताहरण चंद की फाइल फोटो

भ्रष्टाचार की वेदी पर स्वच्छता अभियान,हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया। जिसके अन्तर्गत शौच मुक्त भारत बनाने के लिए योजना भी चलाई गई ताकि हमारा भारत स्वच्छ रहे, और स्वस्थ रहे लेकिन सबसे बड़ा दुख यह है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत,शौच मुक्त भारत बनाए जाने के लिए पंचायतीराज विभाग को इस जिम्मेदारी का स्रोत स्तंभ बनाया गया है।परन्तु वह पूरी तरह से बेकार साबित हो रहा है।पूरा का पूरा महकमा ही भ्रष्टाचार से लिप्त दिखाई दे रहा है जिसके परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार की वेदी पर स्वच्छता अभियान जाता दिख रहा है। इसी प्रकार का एक प्रकरण सामने आया है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के उरुवा ब्लॉक के ग्राम पंचायत असिलाभार का मामला

जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के ब्लॉक उरुवा बाज़ार में ग्राम पंचायत असिलाभार का हैं।जहां पर आज तक कुछ लोगो का शौचालय भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत चलाए जाने वाली शौच मुक्त योजना के ओडीएफ सूची में नाम होंने के बाद भी  अब तक नहीं बन पाया है और न ही उन्हें उपरोक्त योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि ही प्रदान की गई है। उन व्यक्तियों में से एक ग्राम पंचायत असिलाभार के निवासी चिंताहरण चन्द पुत्र तपेश्वर चन्द है जिन्होंने ग्राम प्रधान श्री दिलीप रावत पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके परिवार के चार व्यक्तियों का नाम शौच मुक्त योजना के ओडीएफ सूची में आया था जिनकी उपरोक्त योजना द्वारा प्राप्त प्रोत्साहन राशि ग्राम प्रधान द्वारा ले लिया गया है जब शौचालय बनवाने के लिए ग्राम प्रधान से कहा जाता है तब ग्राम प्रधान दो – चार दिन कहकर बात टाल देते है। इस तरह से गांव में कई और लोग है जिनका भी यही कहना है कि उनका शौचालय अभी तक नहीं बन पाया अथवा उनकी प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है।ग्राम पंचायत आसिलाभार के ही निवासी गनेश कुमार उर्फ शिवकुमार पुत्र विजयनाथ कहना है कि उनका नाम भी ओडीफ सूची में आया था और उन्होंने शौचालय बनवा लिया लेकिन उन्हें अभी भी अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं प्राप्त हुई। ग्राम प्रधान से प्रोत्साहन राशि की मांग करने पर ग्राम प्रधान द्वारा दो – चार दिन के बाद कहकर टाल देते है।

इनके अतिरिक्त सुरेन्द्र चन्द पुत्र केदार चन्द,रामसुमेर मौर्य पुत्र भग्गन,राम नवल पुत्र गंगा आदी ने भी इस प्रकरण पर इसी तरह का बयान दिया है। शौचालय के पूर्णतः निर्माण न होने के कारण लोग बाहर शौच जाने के लिए मजबुर है और जिनका शौचालय बन भी गया है उन्हें भी बाहर शौच जाने से रोकने में ग्राम प्रधान पूर्णतः असमर्थ है गांव में अभी तक कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं किया गया है जिसके फलस्वरूप गांव के चारो तरफ गंदगी का अंबार दिखता है। सड़कें पूरी तरह से गंदगी से भरी हुई है। ग्राम असिलाभार में स्वच्छ भारत मिशन का कोई असर नहीं दिख रहा। हमारे माननीय प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत बनाने के सपने को पूरी तरह विफल करने का प्रयत्न किया गया है।सहायक

गांव की यह हालत देखकर चिंताहरण चन्द समेत सभी नागरिक जिनका शौचालय अभी तक नहीं बन पाया सभी इस मामले पर निराश होकर सरकारी तंत्र पर आश्रित हुए और  इन सभी ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर इस मामले पर शिकायत किया। तब ब्लॉक उरुवा बाज़ार के सहायक विकास अधिकारी ने इस शिकायत का बिना जांच पड़ताल के ही ग्राम प्रधान के कहने पर इस मामले का निस्तारण कर के आख्या पोर्टल पर सलंग्न कर दिया। इस तरह से ग्राम प्रधान और पंचायती राज विभाग के अधिकारी के मिलीभगत के कारण चिंताहरण चन्द अब और भी निराश हो गए । अब वह इस पूरे प्रकरण पर जिला प्रशासन और मुख्य विकास अधिकारी से हस्तक्षेप करने और उनके इस मसले का जल्द से जल्द हल निकालकर दोषियों को दण्डित करने की मांग की है।

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