Panchayat Chunav 2021: यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट,हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती

Panchayat Chunav 2021: यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण प्रणाली पर 15 मार्च 2021 को हाई कोर्ट के फैसले को दिलीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करके दी है चुनौती। दिल्ली

उत्तर प्रदेश के आगामी पंचायत चुनाव में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है,कुछ दिनों पहले ही लखीमपुर खिरी जिले के अजय कुमार बाजपई द्वारा दाखिल जन ही याचिका के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था,की उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग वर्ष 2015 को आधार बनाकर नई आरक्षण सूची प्रकाशित करें।

इस निर्णय को अमल में लाते हुए, यूपी सरकार के प्रशासनिक अधिकारी नई आरक्षण सूची बनाने में लग गए,और आज कई जिलों में संशोधित आरक्षण सूची जारी भी कर दिया गया,किंतू इस बीच खबर आने लगी की सीतापुर जिले के निवासी दिलीप कुमार नाम के व्यक्ति ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर के चुनौती दी है। ऐसा कहा जा रहा है, की इस एसएलपी में वर्ष 2015 को आधार बनाया जाना गलत है।

क्या कहा गया था? अजय कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका में

उत्तर प्रदेश के आगामी पंचायत सूची के लिए जारी आरक्षण सूची के विरुद्ध अजय कुमार द्वारा दाखिल की गई जनहित याचिका में 11 फरवरी 2021 को जारी उत्तर प्रदेश द्वारा शासनादेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अजय कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया की,पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किये जाने वाले नियमावली के नियम – 4 के तहत ही पंचायत चुनाव के पदों क्रमशः ग्राम पंचायत प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य,जिला पंचायत सदस्य के पदों का आरक्षण लागू किया जाता है। आरक्षण लागू होने के सम्बन्ध में कहा गया है की सन 1995 को आधार मानते हुए,क्रमशः सन 2000,2005 एवं 2010 के चुनाव में आरक्षण लागू किया गया और चुनाव संपन्न कराए गए,किन्तु वर्ष 2015 के चुनाव से पूर्व ही 16 सितम्बर 2015 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश जारी किया गया,और नई आरक्षण प्रणाली लागू की गई। अजय कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया की,सन 2015 को ही मूल वर्ष मानते हुए,आरक्षण व्यवस्र्था अपनाई जाए।

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