गोरखपुर के अभिनेता वैभव प्रताप सिंह से बातचीत

धारावाहिक परामावतार श्री कृष्ण में काम कर चुके अभिनेता वैभव प्रताप सिंह कहते है कि ” जब आपके पास आपके मित्रों का साथ रहता है तो आप कोई भी जंग जीत सकते है।” आइए पढ़ते है उनसे बातचीत के संपादित अंश

कौन है?वैभव प्रताप सिंह

वैभव प्रताप सिंह

वैभव प्रताप सिंह एक अभिनेता है और यह गोरखपुर जिले के रहने वाले है। इनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री उदय प्रताप सिंह है तथा इनकी माता का नाम श्रीमती पुष्पा सिंह है। इनकी माता का इनके कैरियर पर बहुत बड़ा योगदान रहा है। इनके एक्टिंग कैरियर की शुरुआत थियेटर से हुई थी। इन्होंने अभिनय का प्रशिक्षण गोरखपुर स्थित अभियान ग्रुप ऑफ थियेटर से शुरू किया। साल 2017 के बाद वैभबव प्रताप सिंह ने धारावाहिक संतोषी मां,सावित्री बाई, कृष्णा,शक्ति,अलादीन,परमावतार श्री कृष्ण, कहत हनुमान जय श्री राम,विष आदी धारावाहिकों में काम करने के साथ – साथ कई शॉर्ट फिल्मों एवम एपीसोडिक शोज सावधान इंडिया,क्राइम पेट्रोल,क्राइम अलर्ट जैसे धारावाहिकों में भी काम किया है। वैभव प्रताप सिंह एक प्रतिष्ठित अभिनेता बनने की चाहत रखते है।

आपने अपने कैरियर के लिए एक्टिंग को ही क्यों चुना?

यदि मैं एक्टर नहीं होता अगर इंजीनियर होता तो मैं खुशी से काम करता। क्योंकि  मैं एक्टिंग खुशी से करता हूं। एक्टिंग से मुझे संतुष्टि मिलती है, मैं अभिनय करके अत्यधिक प्रसन्न रहता हूं। मुझे ऐसा लगता है कि एक्टिंग ऐसी चीज है जिसके लिए मैं बना हूं। इसीलिए मैंने अपने कैरियर के लिए एक्टिंग को चुना।

आपका आपके काम के प्रति अब तक कैसा अनुभव रहा?

मैं बस यही कहना चाहूंगा कि अभी तक मैं ना तो बहुत ज्यादा सफल रहा हूं और नाही बहुत ज्यादा असफल रहा हूं। शुरुआती दिनों में मैं मुंबई में मेरे जीजा संदीप सिंह जी के यहां आठ महीने रहा और मुझे ऑडिशन के प्रोसेस को समझने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन मेरे दोस्त विनय पांचाल और सचिन सक्सेना ने मेरी बहुत सहायता की ,यह दोनों मुझे ऑडिशन के दौरान ही मिलें और फिर इनके साथ मेरा सफर शुरू हुआ।

आप आगे कहां काम करना चाहते हैं?

आगे मेरा ध्यान फिल्मों और वेब सीरीज में काम करने का है। यदि मुझे टीवी सीरियल में भी कोई अच्छा काम मिलेगा तो मैं जरूर करूंगा लेकिन मेरा अभी पूरा ध्यान वेब सीरीज और फिल्मों में काम करने पर है। अभी मैंने जल्द ही एक वेब सीरीज में काम भी किया है लेकिन वह अभी रिलीज नहीं हुई है इसलिए ज्यादा कुछ उसके बारे में बता नहीं सकता।

आपको अब तक अपने काम के प्रति कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है?

वैसे तो मुझे अपने काम के प्रति बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है,लेकिन यदि मुंबई के सफर की बात करे तो मेरे लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। मैं साल 2017 में मुंबई आया,उसके बाद सबसे पहले मैंने ऑडिशन के प्रोसेस के बारे में जानना शुरू किया। मुझे इस प्रोसेस के बारे में थोड़ी जानकारी पहले से तो थी लेकिन मुंबई में आके इन सब चीजों का अनुभव करने को मिला। मैं पहले आठ महीने अपने जीजा संदीप सिंह जी के साथ रहा,उन्होंने ने मेरी बहुत सहायता की है। इसके अतिरिक्त ऑडिशन के प्रोसेस को समझने और फिर काम पाने में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मेरे मित्रों का भी योगदान रहा है। इसमें मेरे मित्र शिव चतुर्वेदी और असिर अहमद ने मुझे बहुत समझाया। मेरे मित्र और मेरे घरवालों की ताक़त को ही बदौलत में अपने रास्ते में आने वाली सभी समस्याओं को दूर कर पाया।

वैभव प्रताप सिंह

COVID-19 का आपके कैरियर पर क्या असर पड़ा?

इसका बहुत बुरा असर पड़ा मेरे कैरियर पर,मुझे कुछ काम मिलें थे पर इस के कारण छूट गए। मेरे कई कास्टिंग डायरेक्टर,डायरेक्टर से अच्छे संपर्क बने थे लेकिन इस महामारी के चलते हम कई महीनों तक घर में लॉक थे,जिसके चलते हमारा संपर्क धीरे – धीरे टूट गया। इस तरह से हमे अब काम पाने में थोड़ी सी समस्या जरूर हुई है। मैं ईश्वर से बस अब यही प्रार्थना करूंगा कि इस स्थिति से है जल्दी उबारे।

आपका रोल मॉडल कौन हैं?

मेरे रोल मॉडल आमिर खान है। इनकी फिल्म थ्री इडियट से मैं काफी हद तक प्रभावित हूं। इस फिल्म में हमें सीख मिलती है,की जो दिल कहे वही करो। बाकी मुझे शुरू से ही मार्गदर्शन मिलता रहा। मैंने अपनी एक्टिंग थियेटर से शुरू की जहां पर मुझे श्री नारायण पाण्डेय जी का साथ मिला। इसके पास मुझे शैलेन्द्र तिवारी,पीयूष वर्मा और संजय श्रीवास्तव जी से भी उचित मार्गदर्शन मिला।

आपको आपके परिवार का कैसा सपोर्ट मिला?

वैभव प्रताप सिंह

मेरी माताजी श्रीमती पुष्पा सिंह जी का मेरे कैरियर के पिछे बहुत बड़ा योगदान रहा है। मेरे पिता स्वर्गीय श्री उदय प्रताप सिंह जी के ना रहने के बाद भी मेरी माता जी ने मेरा समर्थन करके एक अद्भुत साहस दिखाया है। जिसे शब्दों के द्वारा बयां नहीं किया जा सकता है। मेरे चाचा श्री अखिलेश सिंह जी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने ने मुझे हमेशा से आर्थिक और मानसिक सहायता प्रदान किया। वह मेरा मनोबल सदैव बढ़ाते रहे हैं। यदि आप आर्थिक रूप से पिछड़े हैं,तो आप मुंबई में नहीं टिक सकते है। मैं मुंबई में रह सकूं,इसके लिए मेरे चाचा जी का बहुत सहयोग रहा है। इनके अतिरिक्त बड़े भैया वरुण प्रताप सिंह जी का भी बहुत बड़ा सहयोग रहा है। उन्होंने मेरे मनोबल को बढ़ाने के साथ – साथ मुझे छोटी – बड़ी रकम देकर आर्थिक सहायता भी प्रदान किया। मेरी बहन विदिशा सिंह का ने भी मेरे आत्मविश्वास को बनाए रखा है। उसका भी मेरे कैरियर पर बहुत बड़ा योगदान रहा है।

वैभव प्रताप सिंह

आपके मित्रों का कैसा सहयोग रहा ?

मेरे बहुत अच्छे – अच्छे और सपोर्टिव मित्र है। उन्होंने मेरी बहुत सहायता की है। यदि मुंबई में किसी का साथ मिल जाए तो काम पाने और नाम कमाने की जंग आसान हो जाती है। मेरे मित्रो विनय ,सचिन,उमेश,सिद्धांत, निर्मल चंद,नीरज,असीर,संदीप,सरिता , श्रेया ,सुचरिता, रिंकू, गुरमीत,

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