दीपशिखा रैना

केसरी फिल्म के गाने ‘ वे माही ‘ से प्रसिद्धि पाने वाली गायिका दीपशिखा रैना कहती है कि “यदि आप को किसी भी क्षेत्र में सफल होना है,तो आपको विनम्र बनना होगा,क्योंकि विनम्रता एक प्रकार से सफलता को पूंजी है” आइए पढ़ते है विनीत त्रिपाठी की दीपशिखा रैना से खास बातचीत के संपादित अंश

दीपशिखा रैना

कौन है दीपशिखा रैना(Deepshikha Raina)?

दीपशिखा रैना एक 26 वर्षीय गायिका है। जो जम्मू एवम कश्मीर की रहने वाली है। इनके पिता का नाम श्री दीप रैना है तथा इनकी माता का नाम श्रीमती पम्मी रैना है। दीपशिखा रैना ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की और कुछ दिनों तक उन्होंने एक जॉब भी किया,लेकिन म्यूजिक ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया और वह म्यूजिक की होकर रह गई। अब उनकी ज़िंदगी मे संगीत ही सब कुछ है। दीपशिखा रैना एक स्वतंत्र गायिका है। जो कवर सॉन्ग गाती है। यह पिछले 5 – 6 वर्षो से म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है। इनके यूट्यूब पर लाखों फैंस भी है। इसके अतिरिक्त दीपशिखा इंडिपेंडेंट रूप से नए गानों पर काम करती रहती है। दीपशिखा रैना ने फिल्म केसरी के गाने “वे माही” के कवर वर्ज़न सॉन्ग से अधिक प्रसिद्धि पाई है। इन सबके अतिरिक्त इन्होंने कहानी,अंखियों के झरोखों से,तुझमें रब दिखता है,ज़रा – ज़रा, तारों के शहर में जैसे गानों के कवर वर्ज़न भी गाए है।

अभिनेत्री सुनैना शुक्ला से बातचीत

दीपशिखा रैना जी आपने म्यूजिक को क्यों चुना?

मैंने म्यूजिक को नहीं बल्कि म्यूजिक ने मुझे चुन लिया। मैंने यह सब पहले से प्लान नहीं किया था। हां मुझे गाने का,डांस करने का,परफॉर्म करने का शौक बचपन से ही था लेकिन मैं कैरियर के तौर पर मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मैं एक सिंगर बनूंगी। यह सब अचानक से हुआ और मैं एक सिंगर बन गई।

दीपशिखा रैना

“ज़रा – ज़रा ” गाने के बाद आपकी लाइफ कितनी बदल गई?

मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि इस गाने के बाद मुझे लोगो से इतना प्यार मिला और लोग मुझे जानने लगे। पहले लोग मुझे नहीं जानते थे लेकिन अब बहुत सारे लोग मुझे जानने लगे है और मैं अब आर्थिक रूप से इंडिपेंडेंट हूं। पहले यह सब नहीं था,बस इतने ही बदलाव हुए है मेरी लाइफ में।

अब तक आपको गायन के प्रति कैसा अनुभव मिला?

मेरे लिए अब तक सिंगिंग के प्रति अच्छा ही अनुभव मिला है। मैं थोड़ा भाग्यशाली थी इसीलिए जब मैंने अपना पहला ही गाना गाया ज़रा – ज़रा जिसे 8 मिलियन से भी अधिक व्यूज मिलें। उसके बाद मुझे लगा की मुझे और मेहनत करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा अच्छे कंटेंट मैं अपने ऑडियंस तक पहुंचा सकूं। इन सब कामों में मेरी जो टीम है,उनका भी बहुत बड़ा सहयोग रहा है। जो मेरे लिए सब कुछ करते है अनुराग – अभिषेक और जयंत यह लोग मेरे गानों के म्यूजिक बनाते है,वीडियो एडिट करते है। इन लोगो के सहयोग और फैंस के प्यार की वजह से ही मै मानती हूं कि मुझे सिंगिंग के प्रति अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ है।

दीपशिखा रैना जी आप आगे कहां काम करना चाहती है?

मैं सीमित तौर पर काम नहीं करना चाहती हूं। मैं हर प्लेटफार्म पर गाना चाहती हूं। फिलहाल तो मैं एक इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट के तौर पर काम कर रही हूं और मैंने लेबल के साथ भी काम किया है। मैंने “वे माही” सॉन्ग जी म्यूजिक के लेबल के साथ और “अंखियों के झरोखों से” सारेगामा के लेबल के साथ गाया है, लेकिन मैं फिल्मों में भी प्लेबैक सिंगिंग करना चाहती हूं और आशा करती की की यह जल्दी हो जाए।

अभिनेत्री अर्चना गौतम के साथ खास बातचीत

अभी तक म्यूजिक के साथ आपको कैसी समस्याओं का सामना किया है और आप उन्हे कैसे दूर कर पाईं?

म्यूजिक के साथ मेरी सबसे बड़ी समस्या रही है,की मैंने म्यूजिक सीखा नहीं है और यह समस्या मेरे साथ अभी भी है पर एक चीज मैं हमेशा से ही अपने परफॉर्मेंस में सुधार लाने की कोशिश करती रहती हूं। मैं किसी भी प्रकार का कॉम्प्रोमाइज अपने साथ नहीं करती हूं और हमेशा से मैं अपने काम के प्रति अपना 100 प्रतिशत देती हूं। इसी कारण मैं अपने रास्ते में आने वाली हर समस्याओं को दूर कर पाती हूं।

दीपशिखा रैना

COVID-19 का आपके कैरियर पर क्या असर पड़ा?

COVID-19 महामारी का असर हर समुदाय पर पड़ा है। उसी तरह से कलाकारों पर भी इस महामारी का बहुत बुरा असर पड़ा है। खासकर इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट पर क्योंकि उनके इनकम का एक मात्र सूत्र इवेंट और स्टेज परफॉर्मेंस होता है और इस महामारी के दौरान एक भी इवेंट नहीं हुए। इस महामारी से मैं भी प्रभावित हूं। मुझे मेंटली तो नहीं लेकिन इकोनॉमिकली समस्या तो मेरे साथ हुई है पर कहां जाता है कि बुरे समय के बाद अच्छा समय जरूर आता है।

आपका रोल मॉडल कौन है?

मेरे रोल मॉडल मेरे ग्रैंड फादर हैं,जो एक विनम्र स्वभाव वाले व्यक्ति थे। मैं हमेशा से उनके नक्शे कदम पर चलना चाहती हूं। मैं कभी भी हवा में नहीं उड़ना चाहती हूं और मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि मुझे कभी भी अपने कला पर घमंड ना हो।

आपके परिवार का कैसा सपोर्ट रहा है?

मेरे परिवार ने हमेशा से सपोर्ट किया है। जब मैं 18 वर्ष की हो गई,तब मेरे पापा ने कहा कि बेटा आपको जो करना है वह करो लेकिन जब मैंने इंजीनियरिंग करने के बाद म्यूजिक को चुना तब मेरे पापा को लोगो को बताने में थोड़ी मुश्किल होती थी कि मेरी बेटी क्या करती है फिर जब धीरे – धीरे सब कुछ अच्छा होने लगा तब उन्होंने पूरा सपोर्ट किया। हालांकि कला क्षेत्र में आने वाले ज्यादातर लोगों के पैरेंट्स उन्हे इस फील्ड में आने के लिए सपोर्ट नहीं करते है,लेकिन मैं उन्हे कहना चाहूंगी की वह अपने पैरेंट्स को कन्विंस करें की वह जहां जाना चाहते है वो उस फील्ड में बेहतर कर सकते है।

भारत प्रहरी

भारत प्रहरी

भारत प्रहरी एक पत्रिका है,जिसपर समाचार,खेल,मनोरंजन,शिक्षा एवम रोजगार,अध्यात्म,...

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *