प्रतिज्ञा 2

प्रतिज्ञा 2 का तीसरा एपिसोड जहां से खत्म होता है,वहीं से चौथा एपिसोड चालू होता है। यानी जब कृष्णा घर के अंदर जाने की कोशिश करता है,तभी प्रतिज्ञा वहां आकर दरवाज़ा खुलती है फिर कृष्णा से पूछती है कि इतनी रात गए तुम कहां गए थे कृष्णा इस बात पर जवाब देता है कि बस वैसे ही किसी काम से मैं चला गया था। तुम अपने सवाल जवाब बस कोर्ट तक ही सीमित रखो,रही बात मेरे जाने की तो यदि तुमको शक है,की मैं किसी औरत से मेल – मिलाप करने गया था,तो मैं तुमको बता रहा हूं , ऐसा कुछ नहीं है। इस पर प्रतिज्ञा कहती है,की कृष्णा एक तो मैं तुम्हे केवल पूछ रही हूं कि तुम इतनी रात को कहां चले गए हो। इस पर तुम मुझे शक करने का आरोप लगा रहे हो। इस पर कृष्णा जवाब देता है,की यदि यह सत्य है,तो तुम इतनी रात गए,मेरी जासूसी क्यों कर रही हो। प्रतिज्ञा इस बात को जवाब देते हुए कहती है,की मैं तुम्हारी कोई जासूसी नहीं कर रही हूं ,वह तो गर्व ने बिस्तर गीला कर दिया,जिसके कारण मेरी नींद खुल गई, मैं डर गई थी कि गर्व ने ऐसा क्यों किया?  पहले तो उसने कभी बिस्तर गीला नहीं किया। कृष्णा प्रतिज्ञा को कहता है,की अरे उसकी तबीयत ठीक नहीं है,इसी कारण उसने बिस्तर गीला कर दिया होगा। कृष्णा और प्रतिज्ञा दोनों इसी बात पर बहस कर रहे होते है,तभी वहां सज्जन सिंह आते है और दोनों को सोने जाने को कहते है,फिर दोनों वहां से चले जाते है।

अगली सुबह गर्व स्कूल नहीं जाना चाहता है। फिर प्रतिज्ञा समर को कहती है, कि आज तो तुम्हारा एग्जाम है, ना तो तुम पहले डिफिकल्ट क्वेश्चन को मत करना पहले आसान क्वेश्चन कर लेना, फिर डिफिकल्ट क्वेश्चन को करना। इस बात पर केसर कहती है, कि आजकल के बच्चे पढ़ाई से ज्यादा मोबाइल में ध्यान लगाते हैं। केसर की इस बात का जवाब देते हुए, समर अपनी मां से कहता है, कि आप तो इस बारे में मत बोलिए क्योंकि आपको तो एबीसीडी भी नहीं आता है। समर के इस बात पर प्रतिज्ञा उसे डांटती है और कहती है, कि तुम्हें अपनी मां से ऐसे बात नहीं करना चाहिए। उसके बाद कृति कृष्णा को खोजती है, और कहती है कि पापा कहीं नहीं दिख रहे हैं। मुझे स्कूल कौन ले जाएगा?  तब प्रतिज्ञा सज्जन सिंह से पूछती है, कि कृष्णा कहां गया है? क्या उसने आपको कुछ बताया है?  सज्जन सिंह प्रतिज्ञा को कहते हैं, कि आजकल कृष्णा सुबह ही बाहर चला जा रहा है ,और शाम देर से लौटता है। यह सब ठीक लक्षण नहीं है,कोई अचानक से ऐसा करे तो समझ जाना चाहिए,की कुछ उसके साथ हो रहा है। कोमल सज्जन सिंह को रोकते हुए,कहती है कि भौजाई कुछ टेंशन मत लीजिए। बाबूजी तो वैसे ही बकैती करते रहते है। आप बस फ्रूट खाओ,और प्रतिज्ञा को फल खिलाती है। कोमल प्रतिज्ञा से कहती है,की आप तो बस कोर्ट के काम और घर के काम में अपना ध्यान नहीं रखती है,इसलिए हम आपका ध्यान रखेंगे। प्रतिज्ञा सोचने लगती है आखिर कृष्णा कहां गया?  ऐसा वह कभी नहीं करता।

दूसरी तरफ कृष्णा घटनास्थल पर पहुंचकर गर्व के चश्मे को ढूंढता है,लेकिन वहां उसे चश्मा नहीं मिलता है। कृष्णा सोचने लगता है,की कहीं बलवंत त्यागी के आदमी यहां से चश्मा उठाकर तो ना ले गए हो,और यदि वह चश्मा पुलिस को ले जाकर दे देंगे,तो पुलिस गर्व तक पंहुच जाएगी। दूसरी ओर बलवंत त्यागी के घर उसका भाई पंहुचता है,और अपने भाई से कहता है,की मैं घटनास्थल से धूल मिट्टी छोड़कर सब कुछ लेकर आया हूं। दूसरी ओर सब लोग कृष्णा को घर पर खोज रहे होते है,तभी कृष्णा घर पर आ जाता है। कृष्णा से प्रतिज्ञा कहती है,की तुम कहां चलें गए थे? कृति को कितना लेट करा दिया? इस पर कृष्णा प्रतिज्ञा से कहता है,की तुम, ना मुझ पर हमेशा चढ़ जाती हो,मुझसे इस तरह बात ना किया करो,और आज हम गर्व के साथ रहेंगे। प्रतिज्ञा कहती है,की तुम कृति को स्कूल छोड़ के आओ। कृष्णा प्रतिज्ञा से कहता है,आज तुम्ही कृति को स्कूल छोड़ने चली जाओ,और वह गर्व के पास जाने लगता है। सज्जन सिंह कृष्णा को रोकते हुए कहते है,की कृति को वहीं स्कूल छोड़कर आए लेकिन कृष्णा उनसे कहता है, की मेरे बेटे की तबीयत खराब है,और हम आज उसी के साथ रहेंगे। बाबूजी आप ना हमारे बीच ना बोला कीजिए। आप और अम्मा के बीच में हम कुछ नहीं बोलते है। यह कहकर कृष्णा गर्व के पास चला जाता है। कृष्णा के इस तरह बात करने पर सज्जन सिंह थोड़ा नाराज हो जाते है। कोमल सबको समझाती है,की आप लोग कृष्णा भाई के बात का टेंशन ना लियो,उसका तो ऐसे ही दिमाग फिर जाता है।

उधर बलवंत त्यागी को गर्व का चश्मा मिल जाता है,बलवंत त्यागी अपने छोटे भाई से कहता है,की यह किसी छोटे बालक का चश्मा है। कोई छोटा बालक यह सब नहीं कर सकता है। दूसरी ओर कृष्णा गर्व के कमरे में जाकर उसे समझाता है,की यह सब एक दुर्घटना था,तुम्हे कुछ नहीं होगा।

कृष्णा कुछ देर बाद मंदिर में चला जाता है,और सोचने लगता है,की कहीं चश्मा बलवंत त्यागी को मिल ना जाए,और वह उसे पुलिस को सौंप दे। इस बात को लेकर वह बहुत ज्यादा चिंतित है। वह शिव जी से बात करते हुए,कहता है,की वह अपने निर्दोष बेटे को बचाने की पूरी कोशिश करेगा। 

दूसरी तरफ कोई भी सरकारी वकील बलवंत त्यागी का केस लेने के लिए तैयार नहीं है,और प्रतिज्ञा बलवंत त्यागी का केस ले लेती है। कृष्णा प्रतिज्ञा से बात करना चाहता है,वह उसे फोन करता है लेकिन प्रतिज्ञा फोन उठाकर कृष्णा को बाद में फोन करने को कहती है। कृष्णा फिर फोन करता है,लेकिन प्रतिज्ञा रिसीव नहीं करती है। जब प्रतिज्ञा घर आती है,तब कृष्णा उससे बात करना चाहता है,लेकिन तभी वहां कृष्णा की भाभी आती है और प्रतिज्ञा को लेकर चली जाती है। कुछ देर बाद बाहर से प्रतिज्ञा की बेटी कृति की आवाज आती है,और दोनों बाहर चले जाते है। वहां कृति के साथ एक और लड़की होती है और साथ में उसकी मां भी होती है। दोनों में धक्का देने की बात पर बहस हो रहा होता है। इस बात पार प्रतिज्ञा कहती है,की हम अपने बच्चों को जानते है,वह ऐसा नहीं कर सकते है। कृष्णा बात समाप्त करने की कोशिश करता है,लेकिन प्रतिज्ञा नहीं मानती है,और उस लड़की कि मां और प्रतिज्ञा में बहस शुरू हो जाती है,जिस पर कृष्णा प्रतिज्ञा को थप्पड़ मार देता है। इसी के साथ मन की आवाज प्रतिज्ञा – 2 का चौथा एपिसोड समाप्त हो जाता है।

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