प्रतिज्ञा 2
Pratigya 2, Update

प्रतिज्ञा 2 : एपिसोड की शुरुआत होती है,जहां बलवंत त्यागी और कृष्णा मिल रहे होते है,बलवंत कृष्णा से कहता है, की आपने मुझे मदद का वादा किया था। कृष्णा उसे उत्तर देते हुए कहता है,की तो अभी हम कहां पीछे हट रहे है? बलवंत कृष्णा से कहता है,की तो मुझे सज्जन सिंह के परिवार के बारे में जानकारी चाहिए थी,क्या आप मुझे कुछ बता सकते है? इस पर कृष्णा सोचता है,की लगता है बलवंत अभी भी मेरे बारे में नहीं जानता है,चलो अच्छा ही है,इससे मेरा ही फायदा होगा। बलवंत उससे फिर पूछता है,की क्या आप उनके बारे में बता सकते है? कृष्णा कहता है,जानते है सज्जन सिंह को बहुत अच्छे से जानते है,क्योंकि मैं भी उसी परिवार का सदस्य हुं। सज्जन सिंह हमारे पिता है,और मैं उनका बेटा और प्रतिज्ञा मेरी बीवी है। इसपर पर बलवंत त्यागी कहता है,की आपकी ईमानदारी को मान गए ठाकुर साहब इसी बात का तो कायल हूं। आपको पत्नी की ही तरह आप भी ईमानदार निकले। कृष्णा कोई भी बात हो बेफिक्र होकर कहिएगा चलता हूं और चला जाता है। बलवंत त्यागी सोचता है,की कृष्णा नहीं कर सकता है,मेरे चंदर की हत्या क्योंकि उसका कोई भी कनेक्शन होता तो वह अपनी पहचान अवश्य छुपाता।

अगले दृश्य में दिखाया गया बलवंत अपने घर जाता है,जहां प्रतिज्ञा पहले से बैठी होती है,वह बलवंत से पूछ पड़ती है, की राधे को आपने मारा है? बलवंत गुस्से में आकर कांच की गोली उठाता है,और प्रतिज्ञा के पीछे लगे आईने को तोड़ देता है,और कहता है यदि मुझे मेरे बेटे का कातिल मिल गया होता तो मैं यहां प्रयाग में अब तक नहीं रुका होता। मैं उसका दाह संस्कार करके हरियाणा लौट चुका होता,उसके बाद वह अंदर चला जाता है और दृश्य वही समाप्त हो जाता है।

अगले दृश्य में शक्ति गर्व समेत सभी बच्चों को बैठा कर कहानी सुना रहा होता है,तभी वह कहानी छेड़ता है,की यदि कोई बच्चा भी कोई कांड यानी गुनाह करता है,तो पुलिस उसे पकड़कर ले जाती है,और जेल में बंद कर देती है। जैसे एक उदाहरण ले लेता हूं की यदि गर्व ने को अपराध किया है,तो उसे पुलिस पकड़ लेगी और उसे काल कोठरी में ले जाकर बंद कर देगी जहां किसी भी प्रकार की कोई भी व्यवस्था नहीं होती है। आदमी ठीक से क्रिया करम नही कर पाता है। गर्व बिल्कुल दर जाता है,कोमल वहां शक्ति की इन बातों को सुन लेती है,और गर्व के पास आती है और उसे उठा लेती है। शक्ति को ऐसी बाते बच्चो से करने से मना कर देती है।

प्रतिज्ञा 2

प्रतिज्ञा भी आ जाती है और शक्ति से कह उठती है,की मेरा बेटा कोई अपराध नहीं कर सकता है। आप को ऐसी बात बच्चो से नहीं करनी चाहिए।

अगले दृश्य में सुबह होती है। सभी श्राद्ध वाले दिन के लिए सज्जन सिंह की माताजी की श्राद्ध की तैयारी कर रहे होते है। सज्जन सिंह समान लेकर आता है। प्रतिज्ञा खाना बना रही होती है,जिसे देखकर ठकुराइन उसका मजाक बनाती है। थोड़ी देर बाद प्रतिज्ञा को उसके खबरी मंगरू का फोन आता है। वह उसे केस के सिलसिले में तुरंत बुलाता है। वह सज्जन सिंह से पूछ कर जाने लगती है। ठकुराइन उसका फिर से मजाक बनाने लगती है। सज्जन सिंह उसे जाने की आज्ञा देता है।; 

अगले दृश्य में प्रतिज्ञा बलवंत के घर जाती है, जहां वह देखती है,की बलवंत और उसकी पत्नी अपने बेटे के शोक में बैठे होते है। प्रतिज्ञा अपने आने का दुख जाहिर करती है,लेकिन बलवंत कहता है,की केस जरूरी कोई नही है। मैं अपने बेटे के कातिल को पकड़ना चाहता हूं। इस खाली फ्रेम में उसकी फोटो दिखाना चाहता हूं। प्रतिज्ञा उसके दुश्मनों की लिस्ट दिखाती है,बलवंत उससे उसके दुश्मनों की लिस्ट में एक नाम और बढ़ाना चाहता है और कलम मांगकर सज्जन सिंह का नाम लिखता है। प्रतिज्ञा थोड़ी चौंकती है,लेकिन कहती है मैं न्याय की छात्रा हूं और न्यायालय मेरा मंदिर है हम आपको न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। बलवंत त्यागी कहते है,की अब आपको अपने परिवार के खिलाफ लड़ना होगा। प्रतिज्ञा कहती है,की यदि कोई मेरे परिवार में ही दोषी है तो मैं उसको भी सजा दिलाऊंगी।

दूसरी तरफ सज्जन सिंह श्राद्ध के लिए अपनी मां का फोटो लाने के लिए कहते है। शक्ति जाता है और उसके आने से पहले ही केसर तस्वीर लाकर रख देती है। केसर के बाद शक्ति भी तस्वीर लेकर आता है,केसर शक्ति को तस्वीर वापस रखने को बोलती है,लेकिन शक्ति तस्वीर रख देता है,और वह तस्वीर सज्जन की मां को नही अपितु गर्व की होती है। शक्ति गर्व को याद करके शोक करने लगता है,सभी चौंक जाते है। तभी कृष्णा आता है,और यह सब देखकर शक्ति को लोटे से मारता है,और फिर उसे इधर उधर पीटने लगता है। शक्ति भी कृष्णा से अपना बचाव करता है। समर और गिरीश भी कमरे के अंदर से देख रहे होते है। सभी लोग कृष्णा से शक्ति को छोड़ने के लिए कहते है। शक्ति को कृष्णा सज्जन सिंह के कहने पर छोड़ देता है और सज्जन सिंह शक्ति से पूछते है, की आखिर शक्ति तुमने गर्व की फोटो को वहां क्यों रखा था। शक्ति गर्व की फोटो उठता है और कहता है,की गर्व ही बलवंत त्यागी के बेटे का हत्यारा है। इस पर सभी चौंक जाते है और यहीं पर इस एपिसोड का अंत होता है।

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